लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) द्वारा विकसित की गयी समस्त योजनाओं में सृजित/निर्मित सम्पत्तियों के नामांतरण (म्यूटेशन) की कार्रवाई अब प्राधिकरण स्वयं करेगा. अधिकारियों का दावा है कि इससे सम्पत्तियों की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी होने की संभावना नहीं होगी और लोग ठगी का शिकार नहीं होंगे.
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने यह कदम उठाते हुए शुक्रवार को इस सम्बंध में आदेश जारी किये हैं. उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा फ्री-होल्ड रजिस्ट्री किये जाने के पश्चात कई आवंटियों द्वारा सम्पत्तियों को री-सेल किया जाता है. इसमें क्रेता द्वारा सम्पत्ति का नामांतरण अपने पक्ष में किये जाने के लिए आवेदन किया जाता है. वहीं, विभिन्न प्रकरणों में आवंटी की मृत्यु हो जाने के बाद उत्तराधिकारी द्वारा नामांतरण के लिए आवेदन किया जाता है.
पूर्व में यह कार्रवाई प्राधिकरण द्वारा की जाती थी, लेकिन दिनांक 24.01.2018 को जारी आदेश के क्रम में नगर निगम को हस्तांरित योजनाओं की फ्री-होल्ड सम्पत्तियों के म्यूटेशन सम्बंधी अग्रेतर कार्रवाई नगर निगम द्वारा की जाने लगी. उपाध्यक्ष ने बताया कि वर्तमान में नामांतरण से सम्बंधित कुछ विपरीत परिस्थितियां उजागर हुईं, जिनमें बाहरी व्यक्तियों द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार करके प्राधिकरण की विभिन्न सम्पत्तियों का क्रय-विक्रय कर दिया गया, जिससे फर्जी रजिस्ट्री की स्थिति पैदा हो गयी. बाद में जालसाजों द्वारा फर्जी रजिस्ट्री के आधार पर नगर निगम से कर निर्धारण एवं नाम परिवर्तन प्रमाण पत्र प्रस्तुत करके सम्पत्तियों का मानचित्र भी स्वीकृत करा लिया जाता है.