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अब कृत्रिम अंगों के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन

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Published : Feb 2, 2021, 7:47 PM IST

राजधानी लखनऊ में स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राणा कृष्णपाल सिंह ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कृत्रिम अंगों के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

कुलपति प्रोफेसर राणा कृष्णपाल सिंह
कुलपति प्रोफेसर राणा कृष्णपाल सिंह.

लखनऊः राजधानी के मोहान रोड स्थित डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर राणा कृष्णपाल सिंह का 2 वर्ष का कार्यकाल हो गया है. इसको लेकर कुलपति ने विश्वविद्यालय में मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कृत्रिम अंगों के लिए अब ऑनलाइन आवेदन करना होगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में खाली पदों पर नियुक्तियां भी की जाएंगी. इसके साथ-साथ कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां भी बताईं.

करीब 140 पदों पर की जाएंगी नियुक्ति
कुलपति प्रोफेसर राणा कृष्ण पाल सिंह ने बताया कि शैक्षिक संवर्ग की पदोन्नति की प्रक्रिया को प्रारंभ कर 46 शिक्षकों को उनके विभिन्न वांछित ग्रेड में पदोन्नति दी गई. साथ ही करीब 140 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को दिसंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना का गठन किया गया है. जिसमें प्रथम बार स्वयं सेवकों का पंजीकरण हुआ है. विश्वविद्यालय इंनफि्लबनेट, एकेटीयू व अन्य संस्थाओं के साथ एमओयू साइन किया गया है.

उच्च शिक्षा न्यायिक सेवा क्षेत्र में 5 विद्यार्थियों का चयन
कुलपित ने बताया कि दिव्यांग व सामान्य छात्र छात्राओं का केंद्र, राज्य व अन्य सेवाओं जैसे उच्च शिक्षा न्यायिक सेवा क्षेत्र में प्लेसमेंट भी किया जा रहा है. 1 फरवरी को एक निजी कंपनी में 5 विद्यार्थियों को चयनित भी किया है. वर्तमान में विभिन्न संगठनों के अंतर्गत 11 शोधार्थियों ने अपने शोध कार्य को पूरा करके प्रोजेक्ट भी जमा किए हैं. दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए मिनी टॉकिंग बुक स्टूडियो का संचालन भी किया जा रहा है.

पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप का होगा शुभारंभ
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टोरल फैलोशिप का प्रारंभ इसी वर्ष से हो जाएगा. जून 2021 से ब्रेल प्रेस के संचालन की कार्रवाई की जानी प्रस्तावित है, जिसके अधीन दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को बेल पुस्तकें परिसर में ही उपलब्ध कराई जाएंगी. शोध को बढ़ावा देने के लिए एकेटीयूस भारतीय विज्ञान संस्थान, एनबीआरआई से एमओयू किए जाने की कार्रवाई भी की जा रही है.

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