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यूपी में अब दमकल विभाग नहीं देगा NOC, मुख्यालय में तैयार हो रहा प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश में अब फायर सर्विस विभाग NOC जारी नहीं करेगा. विभाग सिर्फ फायर सेफ्टी की जांच कर संबंधित विभाग को रिपोर्ट देगा. वहीं सर्टिफिकेट अब नगर निगम या प्राधिकरण जारी करेगा. इसके लिए फायर सर्विस प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है. होटल लेवाना अग्निकांड के बाद यह फैसला लिया गया है.

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Published : Sep 10, 2022, 3:23 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश का फायर सर्विस विभाग अब NOC नहीं देगा. इसका एक प्रस्ताव फायर सर्विस मुख्यालय स्तर पर तैयार किया जा रहा है, जो जल्द शासन को भेज दिया जाएगा. विभाग यह प्रस्ताव लखनऊ के होटल लेवाना अग्निकांड में हुई चार मौतों के बाद तैयार कर रहा है. इस अग्निकांड की जांच में सबसे अधिक फायर डिपार्टमेंट की लापरवाही सामने आई है. फायर सेफ्टी न होने के बाद भी होटल को NOC दे दी गई थी. इसके बाद से ही फायर सर्विस अपने कई नियमों में बदलाव करने की कवायद कर रहा है.

फायर सर्विस के डीआईजी आकाश कुलहरि के मुताबिक बीते कुछ सालों में हुए अग्निकांड की घटनाओं में सामने आया है कि जिन बिल्डिंग्स में फायर सेफ्टी उपकरण तक नहीं लगे थे, उन्हें भी जिले स्तर के फायर सर्विस के अधिकारियों ने NOC दे दी थी. यही नहीं उसी NOC के आधार पर बिल्डिंग मालिकों ने प्राधिकरणों से भी नक्शा पास करा लेते हैं. ऐसे में जरूरी है कि फायर NOC और नक्सा एप्रूव करने की जिम्मेदारी एक ही विभाग के पास होनी चाहिए.


डीआईजी ने बताया कि फायर सर्विस विभाग एक प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने पर विचार कर रहा है, जिसके मुताबिक किसी भी व्यवसायिक संस्थान, जिसमें स्कूल, हॉस्पिटल, होटल, रेस्टोरेंट और सरकारी बिल्डिंग समेत सभी हाई राइज बिल्डिंग की NOC विकास प्राधिकरण या नगर निगम को ही देने का अधिकार होना चाहिए. फायर डिपार्टमेंट के पास सिर्फ फायर सेफ्टी की जांच का ही अधिकार हो.

आकाश कुलहरि के मुताबिक जब किसी संस्थान को NOC की आवश्यकता हो, वह फायर सर्विस की जगह विकास प्राधिकरण में आवेदन करें. उसके बाद प्राधिकरण चीफ फायर ऑफिसर (CFO) को प्राधिकरण उन सभी बिल्डिंग की सूची भेजकर फायर सेफ्टी की रिपोर्ट मांगेगा और फायर डिपार्टमेंट प्राधिकरण को ही अपनी रिपोर्ट देगा, जिसके बाद प्राधिकरण यह तय करेगा कि संबंधित को NOC देनी है या नहीं. आकाश कुलहरि ने बताया कि फायर सर्विस का अधिकारी व्यक्तिगत किसी को नहीं बल्कि प्राधिकरण को ही अपनी रिपोर्ट देगा.

इन भवनों को लेनी होती है NOC -

शिक्षा भवन
आवासीय अपार्टमेंट इमारतें
होटल
अस्पताल
हिरासत संस्थान
टेलिफोन एक्सचेंज
विधानसभा भवन
मल्टीप्लेक्स इमारतें
व्यावसायिक भवन
व्यापारिक इमारतें
औद्योगिक भवन कम खतरा
औद्योगिक भवन मध्यम खतरा
औद्योगिक भवन उच्च जोखिम
भंडारण भवन उच्च जोखिम

क्या होते हैं फायर NOC के लिए आवश्यक दस्तावेज-

साइट योजना
बेसमेंट फ्लोर प्लान
स्टिल्ट/भूतल योजना
तल-वार योजना
छत योजना।
अनुभाग योजना
ऊंचाई योजना

प्रोसेसिंग तरीका व समय: फायर NOC के लिए आवेदक को उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है. उसके बाद वेबसाइट के होम पेज पर मेनू (एनओसी) से अप्लाई फॉर एनओसी पर क्लिक करें उसके बाद अगली स्क्रीन पर, अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र खुल जाएगा जिसके माध्यम से आवेदक उपयुक्त विवरण जोड़ सकता है. इसके बाद उसमें कई जानकारियां दर्ज करनी होती हैं, जैसे आवेदक का ईमेल पता, पते का विवरण, जिले का नाम, मोबाइल नंबर, भवन का प्रकार, भवन की ऊंचाई व भूखंड क्षेत्रफल. उसके बाद सभी दस्तावेज अपलोड करने होते हैं. अनापत्ति प्रमाण पत्र या फायर लाइसेंस प्रदान करने की पूरी प्रक्रिया आवेदन की तारीख से पंद्रह दिनों के भीतर पूरी की जा सकती है.

अग्निशमन क्यों ले रहा है ऐसा फैसला: दरअसल, हर बार अग्निकांड की घटना होने के बाद सबसे पहले अग्निशमन विभाग में उंगली उठती है. इसी दंश से बचने के लिए अग्निशमन विभाग विकास प्राधिकरण पर NOC देने की जिम्मेदारी सौंपना चाहता है. ताकि वह सिर्फ फिटनेस सर्टिफिकेट ही दे सके. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक सबसे अधिक भ्रष्टाचार NOC देने के नाम पर ही होता है. ऐसे में अगर अग्निशमन NOC ही नहीं देगा तो भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सकेगी.

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