लखनऊ: उत्तर प्रदेश के 3 आईपीएस अफसरों अमिताभ ठाकुर आईजी (रूल्स एवं मैनुअल) राजेश कृष्ण (सेनानायक 10 वीं बटालियन बाराबंकी) और राकेश शंकर डीआईजी (स्थापना) को सरकारी सेवा के लिए अनुपयुक्त पाया गया है. अमिताभ ठाकुर पर तमाम मामलों में जांचे लंबित हैं. वहीं राजेश कृष्ण पर आजमगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप है. इसके अलावा राकेश शंकर पर देवरिया शेल्टर होम प्रखंड में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे. इस संबंध में 17 मार्च 2021 का भारत सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से आदेश में लिखा गया है कि "अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाए रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तत्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है."
इन 3 अफसरों पर गिरी है गाज
1 - अमिताभ ठाकुर (आईजी रूल्स एवं मैनुअल) तमाम मामलों में जांच चल रही थी.
2- राजेश कृष्ण (सेनानायक, 10 बटालियन बाराबंकी) आज़मगढ़ में पुलिस भर्ती में घोटाले का आरोप
3- राकेश शंकर (डीआईजी स्थापना) देवरिया शेल्टर होम प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के आरोप थे.
अमिताभ ठाकुर अखिलेश सरकार और योगी सरकार की आंख की किरकिरी बने हुए थे. पिछले अखिलेश सरकार में जहां उनका पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव से बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ था. उसके बाद उनको सस्पेंड भी किया गया था. बाद में उन्होंने कोर्ट की शरण ली और उन्हें सेवा में फिर से बहाल किया गया था. अखिलेश सरकार के दौरान उन्होंने सोचा था कि आने वाली सरकार उनका प्रयोग जरूर करेगी, लेकिन आने वाली सरकार के आंख की भी किरकिरी बन गए.
असंवैधानिक तैनाती पर भी उठाए थे सवाल
आईपीएस ठाकुर ने कुछ दिनों पूर्व ही कहा था कि पूरे यूपी में शासनादेशों का उल्लंघन कर थानाध्यक्ष के रूप में निरीक्षक की जगह उपनिरीक्षक की तैनाती की जा रही है. उन्होंने अनियमित और असंवैधानिक तैनाती किए जाने पर आपत्ति जताई थी. आईपीएस अफसर ने इन तैनातियों के पीछे घूसखोरी को आधार बताया था. इस बाबत अमिताभ ठाकुर ने प्रमुख सचिव गृह को एक पत्र भी भेजा था.
BCCI को भी दे चुके हैं चुनौती
अमिताभ ठाकुर ने बीसीसीआई द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए की गई संस्तुतियों को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उनके मुताबिक, केवल राष्ट्रीय खेल संघ ही इन खेल पुरस्कारों के लिए संस्तुति भेज सकते हैं. खेल और युवा मामले के मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त 51 खेल संघों में बीसीसीआई नहीं आता है. वह गैर-मान्यताप्राप्त पूरी तरह निजी खेल संघ है जो मान्यता प्राप्त नहीं बनना चाहता पर मान्यता प्राप्त खेल संघ की सारी सुविधाएं चाहता है. इसलिए उसे इन पुरस्कारों के लिए संस्तुति करने का अधिकार नहीं है.
विवादों से रहा है पुराना नाता
अमिताभ ठाकुर पर तमाम तरह के आरोप भी लग चुके हैं, जिसमें गाजियाबाद की एक महिला द्वारा लगाया गया दुष्कर्म का आरोप और एक सामाजिक संगठन द्वारा आय से अधिक संपत्ति का मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में रहा था.
कवि और लेखक हैं अमिताभ ठाकुर
उत्तर प्रदेश के 1992 बैच के आईपीएस आईजी रूल्स अमिताभ ठाकुर कवि और लेखक भी हैं. उनका जन्म बोकारो बिहार झारखंड में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई बोकारो के केंद्रीय विद्यालय से पूरी करने के बाद अमिताभ ने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. हाल ही में उनको सरकार द्वारा जबरिया सेवानिवृत्त का नोटिस थमा दिया गया. यह नोटिस भी उन्होंने खुद ट्वीट कर ही सार्वजनिक किया.