लखनऊ: कोरोना काल में जिंदगी जीने का तरीका बदल रहा है तो वहीं जिंदगी खत्म होने के बाद भी कोरोना का प्रभाव साफ दिख रहा है. कब्रिस्तानों में आने वाले कोरोना संदिग्ध और संक्रमित मरीजों के शवों को WHO की गाइडलाइंस के तहत सुपुर्द-ए-खाक किया जा रहा है. लखनऊ की ऐतिहासिक कर्बला तालकटोरा में सुपुर्द-ए-खाक की रस्मों में कोरोना के कहर को देखते हुए बदलाव किए गए हैं.
कोरोना काल में मरने वालों के सुपुर्द-ए-खाक की रस्म में बदलाव
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोरोना को लेकर कब्रिस्तान में भी काफी एहतियात बरता जा रहा है. जिले के कर्बला तालकटोरा में कोरोना के संक्रमण को देखते हुए शवों को सुपुर्द-ए-खाक करने के तरीके में बदलाव किया गया है.
कब्रिस्तान में बरता जा रहा एहतियात
वक्फ कर्बला तालकटोरा के मुतावल्ली सय्यद फैजी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए कब्रों को 5 फिट की जगह 10 फीट का बनाया जा रहा है और कोरोना संदिग्ध शवों को दफन करने से पहले और सुपुर्द ए खाक करने के बाद पूरे कब्रिस्तान को सैनिटाइज किया जाता है. मुतावल्ली फैजी सभी शवों को अपनी निगरानी में दफन करा रहे हैं और इस दौरान सभी कर्मचारियों के लिए पीपीई किट इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है.