लखनऊ : नैक में ए++ ग्रेड विश्वस्तरीय रैंकिंग में स्थान बनाने के साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय अकादमिक उत्कृष्टता के स्तर को आगे ले जाने के लिए लगातार प्रयासरत है. विश्वविद्यालय के विशेष प्रयासों हाल ही में देश और विदेश से योग्यता और उपलब्धि अर्जित करने वाले लगभग 81 शिक्षकों ने हाल ही में लखनऊ विश्वविद्यालय में ज्वाइन किया है. इससे विश्वविद्यालय में 20 करोड़ रुपये से अधिक के रिसर्च प्रोजेक्ट आये हैं.
अधिष्ठाता अकादमिक प्रो पूनम टंडन ने बताया कि 'विश्वविद्यालय की ओर से जल्द ही अधिक साइटेशन आई-10 इंडेक्स, एच-इंडेक्स वाले शिक्षकों को सम्मानित किये जाने की योजना का प्रस्ताव रखा जायेगा.' उन्होंने बताया कि इस प्रकार के सम्मान समारोह आयोजित करने के लिए गाइडलाइंस बनायी जा रही है. इससे न केवल योग्य शिक्षकों का सम्मान व पहचान होगी बल्कि यह अन्य शिक्षकों और छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत का कार्य भी करेगा. ध्यान रहे कि आई 10-इंडेक्स गूगल स्कॉलर द्वारा विकसित, किसी शोधार्थी द्वारा प्रकाशित उन लेखों की संख्या बताती है, जिन्हें कम से कम 10 उदाहरण प्राप्त हुए हों. इसी प्रकार एच-इंडेक्स उन प्रकाशित प्रकाशनों की संख्या (उत्पादकता) बताती है जिन्हें कम से कम उतनी बार उद्धृत किया गया हो.' उन्होंने बताया कि 'कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने पिछले तीन वर्षों में शैक्षणिक गुणवत्ता एवं शोध को बढ़ावा देने के लिए अनेक नयी योजनायें जैसे शोध मेधा, उद्दीपन, प्रोत्साहन इत्यादि शुरू की हैं. जिसका परिसर में काफी सकारात्मक प्रभाव देखने में आया है. इसी दिशा में साइटेशन को केंद्र बिंदु मानकर सभी संकाय से चुनिंदा शिक्षकों को जल्द ही सम्मानित किये जाने जाने योजना पर कार्य चल रहा है.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के विद्यार्थियों का विदेश में नौकरी करने में कनाडा पहली पसंद है. केवल मात्र दो माह में करीब ढाई सौ छात्रों ने कनाडा जाने के लिए विश्वविद्यालय से ट्रांसक्रिप्ट मांगी. इस दौरान विवि ने विदेश में नौकरी के लिए कुल 762 छात्रों को ट्रांसक्रिप्ट जारी की है. एकेटीयू से प्रदेश के साढ़े सात सौ से ज्यादा कॉलेज संबद्ध हैं, जिसमें करीब डेढ़ लाख से अधिक छात्र अध्ययनरत हैं. इस दौरान बहुत से छात्र एकेटीयू से पढ़ाई कर विदेशों में नौकरी और उच्च शिक्षा के लिए को प्राथमिकता देते हैं. वैसे तो पूरी दुनिया में यहां के छात्र कार्यरत हैं, लेकिन अब विदेश में नौकरी करने वाले एकेटीयू के छात्रों का सर्वाधिक रूझान कनाडा की ओर है. विवि के शिक्षकों की मानें तो कनाडा में भारतीय मूल के सबसे अधिक लोग हैं. वहां पर सिखों की आबादी भी काफी है. कुल मिलाकर वहां पर भारतीय माहौल है और उनके अनुकूल नौकरी वहां पर उपलब्ध है. यहीं वजह है कि एकेटीयू के छात्र कनाडा की ओर रूख कर रहे हैं. विवि द्वारा नए वर्ष के जनवरी और फरवरी माह में कुल 762 ट्रांसक्रिप्ट जारी की हैं. इस पर नजर डालें तो पता चलता है कि कनाडा के लिए सबसे अधिक 255 ट्रांसक्रिप्ट जारी की गई हैं. विवि के अनुसार भारत देश में नौकरी के लिए 507 छात्रों का प्लेसमेंट हुआ है.
विदेशों में नौकरी से लेकर वीजा, किसी पाठ्यक्रम में प्रवेश और निवास के लिए ट्रांसक्रिप्ट (प्रतिलिपि) की जरूरत होती है. ट्रांसक्रिप्ट के लिए छात्र विश्वविद्यालय में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से आवेदन कर सकता है. विश्वविद्यालय आवेदन की तिथि से एक दो दिन में ही ट्रांसक्रिप्ट जारी कर देता है. छात्रों को हाथों हाथ ट्रांसक्रिप्ट छात्र दी जाती है और ईमेल पर भी भेजा जाता है.
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