लखनऊःगोंडा नगर क्षेत्र में एक आश्रम के बाहर कार के भीतर बैग में पैक नाबालिग लड़की का शव मिलने के मामले में चार महीने बाद भी पुलिस के हाथ खाली होने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नाराजगी जाहीर की है. न्यायालय ने कहा कि इस मामले में न तो कार के मालिक का पता और न ही लड़की के मृत्यु के कारणों का पता पुलिस अब तक लगा सकी है. साथ ही न्यायालय ने गोंडा के एसपी और मामले के विवेचनाधिकारी को 30 अगस्त को कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.
न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति शेखर यादव की खंडपीठ ने यह आदेश मृतक लड़की की मां की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि घटना के चार महीने बीत गए लेकिन पुलिस की जांच अभी किसी भी निर्णायक दिशा में नहीं बढ़ सकी है. यह भी कहा गया है कि मृतका का शव अब तक उसके परिवार को नहीं दिया गया है. याची की ओर से यह भी आरोप लगाया गया है कि उसकी लड़की को भगाकर ले जाया गया था. एफआईआर में अभियुक्तों के नाम भी लिखाए गए.