लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की उच्च स्तरीय ट्रैफिक कमेटी (high level traffic committee) को आदेश दिया है कि वह जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए योजना बनाए. न्यायालय ने कहा कि इसके पहले कमेटी स्वयं इस समस्या के वजहों को समझे. न्यायालय ने इस बात पर भी जोर दिया है कि व्यवसायिक वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था की जाए और उन्हें सड़कों पर खड़ा न होने दिया जाए. न्यायालय इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को करेगी.
न्यायालय ने कमेटी को अगले चार सप्ताह के भीतर एक मीटिंग करने को भी कहा है. मीटिंग में विभिन्न विभागों और एजेंसियों से आए प्रस्तावों पर भी गौर करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर (Justice Alok Mathur) की एकल पीठ ने संजय कुमार वर्मा की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर पारित किया. याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल कर लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर (Lucknow Police Commissioner DK Thakur) ने बताया कि कमता तिराहे और पॉलीटेक्निक चौराहे समेत शहर के सभी तिराहों-चौराहों पर पर्याप्त मात्रा में पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है.
उन्होंने पिछले 6 महीने में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के चालान, गाड़ियों के सीज करने और एफआईआर दर्ज किए जाने का विस्तृत ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि परिवहन निगम की बसें सड़कों पर खड़ी होकर यात्रियों को उतारती चढ़ाती हैं. यह भी जाम की एक बड़ी वजह है. उन्होंने बताया कि 1 नवम्बर 2021 से 30 अप्रैल 2022 तक ऐसी 464 बसों का चालान किया जा चुका है. ई-रिक्शा के मुख्य मार्गों पर चलने पर 12 मई 2022 को रोक लगाए जाने की जानकारी भी दी गई.