लखनऊः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के आने के बाद दुनिया भर में लोग सैनिटाइजर का इस्तेमाल अधिक करने लगे हैं. सिविल अस्पताल के डॉक्टर एस देव के मुताबिक सैनिटाइजर का अधिक इस्तेमाल करने से हाथों के गुड बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं. इससे बेहतर है कि हमें सैनिटाइजर की जगह ज्यादा से ज्यादा हैंड वॉश करना चाहिए. इस महामारी में कितनों ने अपनों को खो दिया. लेकिन विपदा की इस घड़ी में भी लोग मौके का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे हैं. राजधानी में बाजारों में सैनिटाइजर के नकली प्रोडक्ट सामने आए हैं. साल 2020 में एफएसडीए के अधिकारियों ने शहर के कई इलाकों से नकली सैनिटाइजर बेचने वालों को अपनी गिरफ्त में लिया था. कई मेडिकल स्टोरों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया.
'आपदा में अवसर' तलाश रहे व्यापारी 2020 से अब तक इन स्टोर से लिया गया सैनिटाइजर का सैंपलड्रग कंट्रोल अधिकारी बृजेश कुमार ने बताया कि 2020 से लेकर अब तक राजधानी के कई इलाकों से 12 मेडिकल स्टोर के सैनिटाइजर का सैंपल लिया गया और उनकी गुणवत्ता की जांच की गई. इनमें अलीगंज स्थित कामा मेडिकल स्टोर पर हैंड संतोल हैंड सैनिटाइजर , आलमबाग स्थित नानक मेडिकल पर आग्रोफ्रेस हैंड सैनिटाइजर, टीपी नगर स्थित इंडमिक हेल्थ स्पेशिलिटी पर एचसी क्यॉर इंटेंट हैंड सैनिटाइजर, अरिश इंटरप्राइज पर बायो रब हैंड रब , गोमती नगर स्थित न्यू अमित मेडिकल स्टोर पर डालिमा संजीवनी हैंड सैनिटाइजर, अमीनाबाद स्थित मां लक्ष्मी फॉर्म पर कवच हैंड सैनिटाइजर, मानक नगर स्थित न्यू वाधवा मेडिकल स्टोर पर माई हैंड सैनिटाइजर, जानकीपुरम स्थित लाइफ केयर इनोवेशन पर सैनिलाइफ हैंड सैनिटाइजर 500 एमएल और 100 एमएल, गोमतीनगर स्थित एलबिनो लाइफ साइंस पर लिक्विड हैंड वॉश 300 एमएल और गोमती नगर स्टेशन संतोष मेडिकल स्टोर पर सैनिटाइजर टोटल एल्कोहलिक हैंड सैनिटाइजर 100 एमएल शामिल हैं.
अमीनाबाद की स्टोर से मिला खराब गुणवत्ता का सैनिटाइजरड्रग कंट्रोल अधिकारी बृजेश कुमार ने बताया कि साल 2020 से लेकर अभी तक शहर में कई मेडिकल स्टोर पर छापेमारी का काम हुआ. जिसमें अधिकांश मेडिकल स्टोर पर अच्छी गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर ब्रांडेड कंपनी के मौजूद मिले. लेकिन अमीनाबाद के मां लक्ष्मी फॉर्म मेडिकल स्टोर पर सैनिटाइजर की गुणवत्ता की जांच की गई तो नकली सैनिटाइजर निकला. जिसके सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया. फिलहाल अभी सैनिटाइजर की जांच रिपोर्ट नहीं आई है. लेकिन मेडिकल स्टोर पर बगैर ब्रांड के नकली सैनिटाइजर उपलब्ध हुआ. वो भी एमआरपी रेट से ज्यादा दुकानदार सैनिटाइजर को बेच रहे थे.
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ऐसे करें नकली असली सैनिटाइजर में पहचान
उन्होंने बताया कि ड्रग कंट्रोल की टीम जब भी किसी मेडिकल स्टोर पर जांच के लिए पहुंचती है तो सबसे पहले सैनिटाइजर को हाथ में लेकर चेक करते हैं. सैनिटाइजर की सबसे खास बात होती है कि असली सैनिटाइजर एथिल अल्कोहल से बनता है. जिसका व्यक्ति की त्वचा पर कोई भी दुष्प्रभाव नहीं छोड़ता है. जबकि नकली सैनिटाइजर मिथाइल अल्कोहल से बनाया जाता है, जो त्वचा के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होता है. इसके साथ ही इसके अधिक इस्तेमाल से त्वचा कैंसर रैसेस होने की संभावना बढ़ जाती है. असली सैनिटाइजर को जब भी हाथ में लेंगे तो सैनिटाइजर हाथ में ही जाते तुरंत गायब हो जाएगा. लेकिन जब नकली सैनिटाइजर को हाथ में लेंगे तो पानी की तरह हाथ में बना रहेगा और गायब नहीं होगा.
सूखे आटे में डालकर देखें
उन्होंने बताया कि अगर हाथ में लेने से आपको असली और नकली सैनिटाइजर का भेद नहीं समझ में आ रहा है तो दो अलग-अलग कटोरी में सूखे आटे लीजिए. एक कटोरी में असली और दूसरी कटोरी में नकली सैनिटाइजर को डालकर आटा गूंथने की कोशिश करें. असली सैनिटाइजर की कटोरी वाला आटा थक्केदार होगा. जबकि नकली सैनिटाइजर आसानी से आटे को गूथ देगा. इस तरीके से लोग असली और नकली में आसानी से फर्क समझ पाएंगे.
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नकली सैनिटाइजर बेचने वालों का लाइसेंस रद्द
ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी बृजेश कुमार ने बताया कि साल 2020 से लेकर अब तक 12 मेडिकल स्टोर के सैनिटाइजर का सैंपल लिया जा चुका है. जिसमें से सिर्फ एक मेडिकल स्टोर को अभी तक नोटिस भेजा गया है. नकली और अनब्रांड सैनिटाइजर बेचने वालों पर कार्रवाई की जाती हैं. कार्रवाई में मेडिकल स्टोर का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाता हैं. अब तक राजधानी में सिर्फ एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस रद्द किया गया है.