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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 7:51 AM IST

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भाषा विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रही प्रोफेसर सस्पेंड

शुक्रवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी पाने वाली प्रोफेसर ताबिंदा सुल्तान सस्पेंड (Tabinda Sultan suspended for getting job with fake documents) कर दी गयीं. वर्ष 2020 में पूर्व कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा के कार्यकाल में नियुक्ति हुई थी. जांच में डिग्री फर्जी होने के खुलासे के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी महिला प्रोफेसर को निलंबित कर दिया

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लखनऊ: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (Khwaja Moinuddin Chishti Language University) के राजनीतिक विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. ताबिंदा सुल्तान को फर्जी डिग्री मामले में निलंबित (Professor Tabinda Sultan suspended) कर दिया गया है. विश्वविद्यालय में गुरुवार को हुए कार्य परिषद की बैठक में डॉ. सुल्तान के एमए की डिग्री फर्जी होने की रिपोर्ट रखी गई. इस पर कार्य परिषद के सदस्यों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाने का आरोप सही पाया.

इसके बाद कुलपति प्रोफेसर एनबी सिंह ने कार्य परिषद की की मंजूरी मिलने के बाद डॉक्टर सुल्तान को निलंबित (Tabinda Sultan suspended for getting job with fake documents) करते हुए उन्हें कक्षाएं लेने से रोक दिया है. इसके अलावा उन्हें इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखने का एक और मौका दिया गया है. इसके बाद विश्वविद्यालय इस पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही डॉक्टर सुल्तान को उनके पद से बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू करेगा.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनबी सिंह ने बताया कि बीते साल महालेखाकार विभाग ने विश्वविद्यालय के ऑडिट करते समय 2009 के बाद से नियुक्ति पाए सभी शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों के सत्यापन करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद सभी शिक्षकों के शैक्षणिक दस्तावेजों के वेरिफिकेशन कराए गए थे. डॉ. सुल्तान ने अपनी नियुक्ति के समय जो शैक्षणिक प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे. उनका संबंध विश्वविद्यालय से जांच कराई गई थी. इस जांच में उनकी एमए की डिग्री फर्जी पाई गई. इस मामले को कार्य परिषद में रखा गया. इसमें निर्णय के बाद उन पर कार्रवाई की गई है.

कुलपति प्रोफेसर सिंह ने बताया कि डॉक्टर सुल्तान ने अपनी नियुक्ति के समय मानव भारतीय विश्वविद्यालय सोलन हिमाचल प्रदेश से एमए की डिग्री लेने की जानकारी दी थी. कुलपति ने बताया कि जब उनकी डिग्री की जांच मानव भारतीय विश्वविद्यालय से कराई गई, तो वहां से लिखित जानकारी उपलब्ध कराएगी की डॉ. ताबिंदा सुल्ताना नाम की किसी छात्र का रजिस्ट्रेशन कभी भी उनके विश्वविद्यालय में नहीं हुआ है. कुलपति ने बताया कि डॉक्टर सुल्तान की नियुक्ति 2020 में हुई थी. ऐसे में उनको उनका पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाएगा.

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