लखनऊ: कोरोना वायरस में जब आधी से ज्यादा दुनिया अपने घरों में कैद है तो वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी दिन रात जान की परवाह किए बिना अपने परिवार को उसके हाल पर छोड़कर पूरी तरह से लोगों की देखभाल में लगे हुए हैं. अलग-अलग अस्पतालों के कर्मचारी यूनियन के अधिकारी भी लगातार अपने साथ काम कर रहे हेल्थ केयर वर्कर्स को प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि इन कोरोना वॉरियर्स का आत्मबल जरा सा भी कमजोर न पड़े.
लखनऊ: खतरे के बीच लगातार ड्यूटी कर रहे केजीएमयू हेल्थ केयर वर्कर्स - kgmu lucknow
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में सभी डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मी घर परिवार छोड़कर कोरोना पीड़ितों की सेवा में जुटे हुए हैं. केजीएमयू में 6 से 7 टीमें कोविड-19 के वार्ड में ड्यूटी देती हैं और क्वारंटाइन होकर वापस ड्यूटी करने को तत्पर रहती हैं.
मुश्किल समय में दे रहे सेवाएं
उत्तर प्रदेश के राजकीय नर्सेज संघ के महामंत्री अशोक कुमार कहते हैं कि इस वैश्विक महामारी के मरीजों की केवल हम ही नहीं बल्कि पूरी नर्सेज की टीम सभी स्वास्थ्य कर्मचारी, फार्मेसिस्ट लैब टेक्नीशियन, ईसीजी टेक्नीशियन और चिकित्सीय संवर्ग में जितनी भी विधा के लोग हैं, सभी अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि हेल्थ केयर वर्कर्स तो पहले से भी अधिक घंटों की ड्यूटी करके मरीजों के उपचार में लगे हुए हैं. वह बताते हैं कि जिला अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले हेल्थ केयर वर्कर्स की दुविधा कहीं अधिक होती है, क्योंकि यहां पर यह पता नहीं चल पाता कि कौन सा मरीज कोविड-19 से पॉजिटिव है और कौन सा मरीज संदिग्ध है. खुद अपना अनुभव बताते हुए अशोक कहते हैं कि लॉकडाउन की शुरुआत से ही वह अपने माता-पिता से नहीं मिले हैं. वह काफी बुजुर्ग हैं, ऐसे में उन्होंने अपने माता-पिता को घर के ऊपरी हिस्से में शिफ्ट किया है और वह सिर्फ निचले हिस्से में ही क्वारंटाइन की तरह रहते हैं.
6 से 7 टीमें कोविड-19 वार्ड में कर रही ड्यूटी
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार कहते हैं कि केजीएमयू को कोरोना वायरस की जांच का नोडल सेंटर बनाया गया है. यहां पर कोरोना से संबंधित मरीज का इलाज पहले दिन से ही शुरू हो चुका है, जब कोरोना वायरस की महामारी ने आतंक फैलाना शुरू ही किया था. वह कहते हैं कि हमारे कर्मचारी, चिकित्सक, सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉय समेत तमाम लोग इस महामारी में अपनी सेवा देकर लगातार काम कर रहे हैं. नर्सेज और टेक्नीशियन स्टाफ लगातार मरीजों की सेवा में लगे हैं. केजीएमयू में 6 से 7 टीमें कोविड-19 के वार्ड में ड्यूटी देते हैं और क्वॉरेंटाइन होकर वापस ड्यूटी करने को तत्पर रहते हैं. प्रदीप बताते हैं कि उनकी एक नर्स को भी कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ था और एक रेजिडेंट डॉक्टर भी इसकी चपेट में आए थे, लेकिन इन सब चीजों को नजरअंदाज कर वे यहां काम कर रहे हैं.