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हर जिले में बनेंगे सैंपल सेंटर, केजीएमयू व जिम्स नोएडा करेंगे जीनोम सीक्वेंसिंग

प्रदेश में एक बार फिर से कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी है. यूपी में कोविड मरीज बढ़े तो केजीएमयू और जिम्स नोएडा जीनोम सीक्वेंसिंग (KGMU and Jims Noida will do genome sequencing) करेंगे. फिर जरूरत के अनुसार लैब की संख्या बढ़ाई जाएगी.

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Published : Dec 23, 2022, 8:20 AM IST

लखनऊ :प्रदेश में एक बार फिर से कोविड-19 के नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी है. यूपी में कोविड मरीज बढ़े तो केजीएमयू और जिम्स नोएडा जीनोम सीक्वेंसिंग (KGMU and Jims Noida will do genome sequencing) करेंगे. फिर जरूरत के अनुसार लैब की संख्या बढ़ाई जाएगी. जीनोम सीक्वेंसिंग के सैंपल जल्द लैब पहुंचे, इसके लिए हर जिले में अलग से सेंटर बनाए जाएंगे. विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ी तो केजीएमयू व जिम्स नोएडा के अलावा अन्य चिकित्सा संस्थानों में भी जांच शुरू कराई जाएगी. एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान सहित अन्य मेडिकल कॉलेजों को तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

शासन की ओर से जारी नई गाइडलाइन

- यह ध्यान रखा जाए कि इस वैरिएंट से पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि पूरी सजगता एवं तत्परता बरती जाए.

- जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए. रिपोर्ट पॉजिटिव होने की स्थिति में जीनोम सीक्वेसिंग की जाए. वर्तमान में केजीएमयू एवं जिम्स नोयडा जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए तैयार है.

- सभी अस्पताल के निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोविड प्रोटोकॉल के समय डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, मरीज एवं तीमारदार के लिए पूर्व में किए जा रहे नियमों का अनुपालन तत्काल प्रभाव से कराया जाए. इसके लिए संस्था के स्तर पर ही दिशा निर्देश जारी कर दिए जाएं.

- कोविड संक्रमित मरीजों के लिए वार्ड आरक्षित कर लिया जाए.

- ईआईसीयू के कार्यक्रम को दोबारा संचालित किया जाए. पूर्व में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के लोग जो टेलीमोड में ट्रेनिंग करते थे, उसे भी शुरू कराया जाए.

- जिन स्थायी, आउटसोर्सिंग हेल्थ वर्कर को वैक्सीनेशन की बूस्टर डोज नहीं लगी है, उनका वैक्सीनेशन कराया जाए.

- हेल्थ वर्कर की कमियों को पूर्ण कर लिया जाए.

- कोविड-19 की तीसरी लहर के समय पीडियाट्रिक आईसीयू एवं सामान्य आईसीयू का मॉकड्रिल कराया गया था. उसी तरह आगामी दो दिनों में मॉकड्रिल करा लिया जाए.

- वेंटीलेटर की क्रियाशीलता चेक कर ली जाए.

- जिला अस्पताल से उच्च स्तर मेडिकल काॅलेजों को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल अधिसूचित किए जाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए.

- कोविड-19 के नए वैरिएंट से बचाव एवं इलाज के तहत एडवायजरी एवं दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें.

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