लखनऊ:जिले के विश्वविद्यालय और संयुक्त कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. लेकिन सरकारी गाइडलाइंस की अभाव में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 10 फीसदी कोटे के तहत सीटों की बढ़ोतरी अभी भी असमंजस की स्थिति में बनी हुई हैं.
जनवरी में केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए 10 प्रतिशत का कोटा निर्धारित किया गया था, साथ ही संस्थाओं में सीटों की बढ़ोतरी के आदेश भी हुए थे. लेकिन राज्य सरकार की तरफ से अभी तक सीटों की बढ़ोतरी के लिए कोई भी स्वीकृति नहीं दी गई है.
पिछड़े वर्ग के लिए अभी भी नहीं हुई विश्वविद्यालय में सीटों की बढ़ोतरी
आगामी सत्र में एडमिशन के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय तथा संयुक्त कॉलेजों ने एडमिशन फॉर्म में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए एक कॉलम बनाया है. जिसके तहतछात्र सुविधा का प्रयोग कर सकते हैं. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए कोई प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा हैं.
जिसके वजह से एडमिशन के लिए आने वाले समय में दिक्कतें आ सकती हैं. हालांकि केंद्र सरकार ने दस परसेंट कोटे के साथ सीटों में बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. परंतु अभी भी लखनऊ विश्वविद्यालय के एडमिशन प्रक्रिया में सीटों की संख्या उतनी ही हैजितनी पिछले वर्षों में थी. ऐसे में छात्रों में असमंजस है की रिजर्वेशन लगने के बाद सीटों में बढ़ोतरी क्यों नहीं हुई है. हालांकि प्रशासन का कहना है कि आने वाले समय में इसके लिए आदेश जारी कर दिए जाएंगे. जिसका लाभ छात्र एडमिशन के प्रक्रिया में उठा सकेंगे.