लखनऊ:शौच के लिए निकली नाबालिग का अपहरण करके उसके साथ दुराचार करने के आरोपी राम सागर को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश मयंक त्रिपाठी ने सात वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. 16 जून, 2014 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता की मां ने थाना गोसाईगंज में दर्ज कराई थी.
अदालत के समक्ष विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार श्रीवास्तव का तर्क था कि आरोपी राम सागर के विरुद्ध पीड़िता की मां द्वारा थाना गोसाईगंज में दुराचार की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में पीड़िता की मां ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि घटना की रात करीब साढ़े सात बजे उसकी नाबालिग बेटी शौच के लिए गई थी. तभी रास्ते में अभियुक्त राम सागर ने उसका हाथ पकड़ कर जबरन मोटर साइकिल पर बिठाकर धमकी देते हुए लेकर चला गया. आरोप लगाया गया कि घटना की रिपोर्ट उसके द्वारा रात में ही थाने में लिखाने का प्रयास किया गया. लेकिन पुलिस ने उसकी रिपोर्ट नहीं दर्ज की. कहा गया कि जब पीड़िता घर वापस आई तो उसने घटना की बाबत जानकारी दी. उसके बाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई. अदालत ने आरोपी को सजा के प्रश्न पर सुनने के बाद कहा है कि अभियुक्त द्वारा किया गया कृत्य न केवल बालकों के विरुद्ध है. बल्कि समाज विरोधी भी है. ऐसी स्थिति में उसे दंडित किया जाना उचित होगा.