उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

आईआईटीआर टीम ने विभिन्न शहरों से लिए गंगाजल के सैंपल

By

Published : May 27, 2021, 2:10 AM IST

उत्तर प्रदेश में गंगाजल के प्रदूषित होने की आशंका देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है. विभिन्न शहरों से गंगाजल लेकर जांच की जा रही है.

लखनऊः
लखनऊः

लखनऊः कोरोना महामारी की दूसरी लहर में काफी संख्या में लोगों ने दम तोड़ दिया. कई हंसते-खेलते परिवार तबाह हो गए. इस बीच गंगा किनारे शव दफनाने और नदी में शव बहने के मामले सामने आने लगे हैं. ऐसे में शव दफनाने और नदी में शव बहने से गंगाजल भी प्रदूषित होने की बात कही जा रही है. अब सीएसआइआर-आइआइटीआर (काउंसिल फॉर साइंटिफिक इंडस्ट्रियल रिसर्च इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च) लखनऊ की संयुक्त टीम ने कानपुर, प्रयागराज व काशी में गंगाजल के नमूने जांच के लिए हैं. इसकी जांच रिपोर्ट 15 दिनों में आने की संभावना है. तब पता चलेगा यहां गंगाजल में कितना प्रदूषण है.

रिपोर्ट आने के बाद तय होगी रूपरेखा
दरअसल, गंगा किनारे घाटों शव दफनाए जाने और शवों को जल में बहाने का सिलसिला बीते डेढ़ माह में काफी बढ़ गया था. स्थानीय लोगों के अनुसार अप्रैल के प्रारंभ में ही रोजाना सैकड़ों की संख्या में शवों का दफनाया गया, जबकि शवों का नदी किनारे दाह संस्कार भी कराया गया था. ऐसे में गंगा जल के दूषित की आशंका जताई जा रही थी. हालांकि सीएसआइआर-आइआइटीआर की टीम के द्वारा सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट में क्या आता है, उसी से आगे की रूपरेखा तय होगी.

पीपीई किट में टीम ने लिए सैंपल
गंगाजल का सैंपल लेने के लिए लखनऊ स्थित भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) की तीन सदस्यीय टीम प्रयागराज स्थित श्रृंगवेरपुर घाट पहुंची. साथ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की भी टीम थी. नदी किनारे जहां पर शव दफनाए गए हैं, उसी तरफ से उन्होंने से गंगा जल के सैंपल लिए. पीपीई किट में इस टीम ने सैंपल लिए. उसके बाद यह टीम गंगा किनारे फाफामऊ घाट पर पहुंची. वहां से उन्होंने गंगाजल का सैंपल लिया और फिर लखनऊ लौट गई. इसके अलावा टीम ने कानपुर और उन्नाव स्थित रौतापुर श्मशान घाट पर चार स्थानों से गंगा के जल के नमूने एकत्रित किए हैं. जांच टीम के सदस्यों ने बताया कि सीपीसीबी के निर्देश पर यह सैंपल लिए जा रहे हैं. टीम ने कानपुर से लेकर वाराणसी तक गंगाजल की सैंपलिंग की है. पखवाड़े भर में जांच करके वह इसकी रिपोर्ट सीपीसीबी को सौंप दी जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः स्वास्थ्य मंत्री के जिले में वैक्सीनेशन में लापरवाही, ग्रामीणों को दूसरी डोज अलग-अलग कंपनियों की लगा दी

रिपोर्टों का होगा मिलान
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यह रिपोर्ट मिलने के बाद पूर्व की रिपोर्ट से इसका मिलान किया जाएगा. इससे पता चलेगा कि हाल के दिनों में गंगा किनारे शव दफनाने और शव बहने से जल में कितना प्रदूषण बढ़ा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details