श्रीनगर: कोई डॉक्टर होता है, कोई इंजीनियर होता है, कोई पुलिस ऑफिसर होता है, तो कोई दुकानदार. इसी तरह हर इंसान की एक पहचान होती है, लेकिन बात जब कमल टावरी की आती है तो उनके लिए उपाधियां कम पड़ने लगती हैं. डॉ कमल टावरी (Kamal Taori IAS) एक फौजी भी रहे हैं, आईएएस ऑफिसर के रूप में कलेक्टर भी रहे, कमिश्नर भी रहे, भारत सरकार में सचिव भी रहे, एक लेखक भी हैं, समाज सेवी और मोटिवेटर भी हैं.
लेकिन, अब डॉ टावरी नए कलेवर संन्यास के रंग में रगे नजर आ रहे हैं. उन्होंने बदरीनाथ धाम में संन्यास धारण कर लिया है. उन्होंने अपने सांसारिक नाम को त्याग दिया है और अब स्वामी कमलानंद महाराज बन गए हैं. श्रीनगर में ईटीवी भारत से खास बातचीत में होने कहा कि पिछले 16 सालों में उन्होंने विश्वभर का भ्रमण किया है. लेकिन उन्हें हर देश की समस्या एक सी ही लगती है, जो खेती है. उन्होंने कहा कि अगर भारतीय लोग थोड़ा गांव-खेती की तरफ आगे बढ़ें तो हर आदमी विकास की तरफ आगे बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि संन्यास लेने के बाद अब संतों के साथ जीवन बिताएंगे और लोगों को गाय पालन की तरफ प्रेरित करेंगे. इसके साथ ही हर जगह गुरुकुल खोलने के लिए भी लोगों से आग्रह करेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार के भरोसे नहीं बैठना है, खुद स्वावलंबी बनना है.
वहीं, अग्निवीर योजना पर बोलते हुए डॉ कमल टावरी ने कहा कि हाल ही में सरकार ने अग्निवीर नाम से सेना में एक योजना चलाई है. लेकिन सरकार को इससे पूर्व अन्य विभागों में इस योजना को चलाना था, जिससे सही नीति का पालन देशभर में हो सके. उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र में दीमक लग चुका है और इसे सुधार की बहुत बड़ी आवश्यकता है.