लखनऊ: हाईकोर्ट (high court) की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कहा है कि दो पक्षों के बीच के सिविल विवाद को आपराधिक रंग देते हुए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. न्यायालय ने कहा कि एह न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग है. इन टिप्पणियों के साथ न्यायालय ने याची के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को निरस्त कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अनिल कुमार तिवारी की ऑरर से दाखिल एक याचिका पर पारित किया. याची की ओर से अधिवक्ता चन्दन श्रीवास्तव की दलील थी कि याची की एक जमीन को बेचने का करार याची व मामले के शिकायतकर्ता के मध्य हुआ था. करार के मुताबिक शिकायतकर्ता को 20 लाख रुपये छह माह में देने थे लेकिन उसके द्वारा दिए गए दो चेक बाउंस हो गए. इसके उपरांत शिकायतकर्ता ने सिविल कोर्ट में दीवानी वाद भी दायर कर दिया.