लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को खारिज कर दी थी. न्यायालय ने कहा कि पूरे मामले को देखने के बाद यह नहीं कहा जा सकता कि अभियुक्त के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है. अभियुक्त आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन यादव ने पीसी थर्ड कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है. कोर्ट ने आत्मसमर्पण करने के बाद 9 फरवरी तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविंद सेन की याचिका पर 20 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था, जिसे सोमवार को जारी किया गया था. याची का कहना था कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया जा रहा है व उसके विरुद्ध अब तक कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं. वहीं याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने तर्क दिया कि जांच के दौरान यह बात सामने आई कि याची मुख्य अभियुक्त आशीष राय के साथ सक्रिय रूप से सम्मिलित था. उसने खुद को सीबीसीआईडी का अधिकारी बताकर मामले के वादी से मुलाकात की थी. उसे 35 लाख रुपये भी मिले थे. यही नहीं 10 लाख रुपये तो याची ने अपने बैंक खाते में मंगाए थे. याची की ओर से उक्त 10 लाख रुपये का कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया जा सका है. कहा गया कि याची वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है व पहले भी जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर चुका है.