लखनऊ : 'योगी सरकार किसानों के हितों के लिए पूरी तरह से कटिबद्ध है और उनकी समस्याओं के प्रति बहुत जागरूक भी है. राज्य के लघु एवं सीमान्त किसानों को समय से सुनिश्चित व नियंत्रित सिंचाई उपलब्ध कराने की दिशा में निरन्तर काम कर रही है. किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराते हुए व उनकी कृषि उत्पादकता में वृद्धि करते हुए उनकी आय को दोगुना किए जाने की दिशा में प्रदेश सरकार अग्रसर है.' यह बातें जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने गुरुवार को लघु सिंचाई विभाग मुख्यालय में "लघु सिंचाई भवन" के शिलान्यास समारोह में कहीं. वे यहां आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे. लघु सिंचाई विभाग मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री जल शक्ति दिनेश खटीक भी मौजूद रहे. नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव और सचिव बलकार सिंह समेत विभाग के समस्त वरिष्ठ अधिकारियों की भी कार्यक्रम में उपस्थिति रही.
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि 'प्रदेश सरकार 'संकल्प पत्र-2022' के अनुसार किसानों के हितों के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि 'मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना' के तहत उथले, मध्यम गहरे, गहरे नलकूप निर्माण के साथ-साथ पहली बार शासकीय-अर्द्ध शासकीय भवनों पर रूफ टॉप रेन वाटर व हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना की जा रही है. विन्ध्य व बुन्देलखंड क्षेत्र के पठारी इलाकों में ब्लास्टवेल की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. राज्यमंत्री जल शक्ति दिनेश खटीक ने कहा कि लघु एवं सीमान्त किसानों को समय से सिंचाई की सुविधा प्रदान करके ही हम अपने उद्देश्य में सफल हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान अन्नदाता है और प्रदेश के अन्न भंडारण में उल्लेखनीय वृद्धि उनकी मेहनत से ही सम्भव हो पाई है.
'भूजल संवर्द्धन की दिशा में चल रहा निरन्तर कार्य' : नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने प्रदेश के सिंचित क्षेत्रफल में लघु सिंचाई विभाग के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि 'विभाग किसानों को सुनिश्चित व नियंत्रित सिंचाई उपलब्ध कराने के साथ-साथ वर्षा जल संचयन व भूजल संवर्द्धन की दिशा में भी निरन्तर कार्य कर रहा है.' नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के सचिव बलकार सिंह ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश, लघु सिचाई संसाधनों की बदौलत ही न केवल प्रदेश वासियों के लिए अन्न का पर्याप्त उत्पादन कर रहा है, बल्कि देश के अन्न उत्पादन क्षमता में भी उल्लेखनीय योगदान कर रहा है.'