अमेठी: कोरोना वायरस से बचाव के लिए लागू लॉकडाउन से किसान काफी त्रस्त हैं. किसानों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने अधिकारियों से सीधे किसानों के खेत और घरों से फसल खरीदने के निर्देश दिए हैं. देश में कोविड-19 के चलते सभी विक्रय केंद्र को बंद कर दिया गया है. इस बीच ईटीवी भारत ने जब राजधानी से सटे अमेठी जिले के किसानों की हकीकत जानी तो सच्चाई सामने आई.
राजधानी लखनऊ से करीब 35 किलोमीटर दूर अमेठी जिले के किसानों ने बताया कि लॉकडाउन से उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. फसल कट चुकी है. पहले यह (फसल) खेत में थी, अब इसे घर ला लिया गया है. देश में लागू लॉकडाउन के चलते विक्रय केंद्र बंद हैं. इससे किसान अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे हैं तो वहीं सीएम योगी के फरमान को पलीता लगाते अधिकारी किसानों की फसल खरीदने नहीं आ रहे हैं. इससे किसान परेशान हैं.
ईटीवी भारत की जांच पड़ताल
ईटीवी भारत ने अमेठी के रहमतनगर गांव के किसान उमेश वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि फसल की खरीद सीधे किसानों के घर या खेत से होगी, लेकिन यहां अभी तक कोई अधिकारी फसल खरीदने नहीं आया. इसके कारण उनकी फसल घर में खराब हो रही है.
लॉकडाउन ने बढ़ाई किसानों की समस्या
किसानों का कहना है कि सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन अचानक लॉकडाउन लगने से समस्या बढ़ने लगी. फसल तो खेत से घर आ गई, लेकिन फसल का कोई खरीददार नहीं मिल रहा. इसका खामियाजा उन्हें (किसान) भुगतान पड़ रहा है. किसान उमेश ने बताया कि गेहूं खरीद का सरकारी रेट करीब 19 रुपये प्रति किलो है, जब कि बिचौलिए इसे सिर्फ 14 रुपये में बेच रहे हैं.