लखनऊ: इस बार लोकसभा चुनाव ने कई पार्टियों में उथल-पुथल मचाया. कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी बदली. इस बार भाजपा के नेता रहे शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी से अपना नाता तोड़ते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इस पर डॉ. दिनेश शर्मा ने उनपर तंज कसते हुए पार्टी का शत्रु बताया है.
भाजपा ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. इसके साथ ही अब संकल्प पत्र के आधार पर राजनीति तेज हो गई है. भाजपा कांग्रेस पर हमलावार है. इन्हीं मुद्दों और भाजपा की चुनावी तैयारियों पर हमने बात की उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से.
सवाल: कांग्रेस ने अपना ट्रंपकार्ड चल दिया है. पार्टी ने प्रियंका गांधी को उतारा है. आपको लगता है कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका के आगमन से आपकी पार्टी को नुकसान पहुंचेगा?
जवाब: मुझे लगता है यह चर्चाएं वहीं पर होती हैं, जहां पर लोग जानते नहीं हैं. उनका यह लोक सभा का तीसरा चुनाव है. विधानसभा में चार चुनावों में वह प्रचार कर चुकी हैं. जब अब तक उन्होंने कोई चमत्कार नहीं किया तो अब क्या कर पाएंगी. कुछ नेता हैं जो पांच साल कहीं नहीं जाते, वह चुनाव के दौरान अचानक आते हैं और चुनावी मैदान में पिकनिक मनाकर लुप्त हो जाते हैं.
सवाल: इस बार भारतीय जनता पार्टी या मोदी जी को हराने के लिए धुर विरोधी रहे सपा-बसपा एक हो गए हैं. इस गठबंधन से भारतीय जनता पार्टी को कितना फर्क पड़ेगा?
जवाब: मोदी जी ने जातिवाद और संप्रदायवाद की सीमाओं को तोड़ा है और यही डर है यहां के विपक्षी दलों में. मैं तुलना नहीं करता किसी की, लेकिन यह इतने डरे हुए हैं कि सब मिलने के बाद भी इनको विश्वास नहीं हो पा रहा कि मोदी जी का सामना कर पाएंगे. मोदी जी कहते हैं हम महंगाई का सामना करेंगे, अराष्ट्रवादी ताकतों का सामना करेंगे, आतंकवाद का सामना करेंगे. यह कहते हैं हम मोदी जी का सामना करेंगे. मोदी जी कहते हैं हम आतंकवाद हटाएंगे, यह कहते हैं मोदी जी को हटाएंगे. क्यों हटाओगे? राष्ट्रद्रोही धारा को समाप्त करना है. विपरीत धारा में चलने वाले मिलकर भी मोदी जी का सामना नहीं कर पाएंगे.
सवाल: भारतीय जनता पार्टी में जो बड़े नेता हैं, जिन्हें मार्गदर्शक मंडल में डाला गया है, उनके सम्मान को लेकर सवाल उठते रहे हैं. चाहें मुरली मनोहर जोशी हों या सुमित्रा महाजन, उन्हें मीडिया के माध्यम से बताना पड़ा है कि वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते. विपक्ष अक्सर आरोप लगाता है कि भाजपा में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं है. क्या कहेंगे आप?
जवाब: जो हमारे आराध्य हैं, पार्टी के वरिष्ठ नेतागण हैं, उनकी किसी से कोई तुलना नहीं है. पार्टी का संगठन ही यह निर्णय करता है. अटल जी ने एक बार कहा था कि मैं प्रधानमंत्री भले ही हो गया हूं, लेकिन मैं एक कार्यकर्ता हूं. मेरा बारे में जो निर्णय होगा व संगठन का नेतृत्व लेगा. हम वन फेमिली पार्टी नहीं हैं. हमारा सामूहिक नेतृत्व होता है और किस कार्यकर्ता को क्या जिम्मेदारी दी जानी है इसका निर्णय वही करता है.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री से बातचीत की ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी ने. सवाल: शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी छोड़ी और कांग्रेस में शामिल हुआ. उन्होंने तमाम आरोप भी लगाए हैं. इस पर क्या कहेंगे आप?
जवाब: विगत दो वर्ष से शत्रु जी भाजपा में शत्रु की भांति काम कर रहे थे. जो भाजपा के राजनीतिक शत्रु थे वह उनके मित्र हो गए थे. वह पहले से ही विभिन्न दलों में अपना स्थान तलाश रहे थे. इसलिए यह कोई चौकाने वाली खबर नहीं है. वह अक्सर वन मैन आर्मी शब्द का इस्तेमाल करते थे और अब वन फेमिली पार्टी में गए हैं. इसका अंतर अब उन्हें दिखाई देगा. उन्हें जल्द एहसास होगा कि भाजपा और कांग्रेस पार्टी में कितना अंतर है.
सवाल: अभी एक अमेरिकी पत्रिका के हवाले से खबर आई है कि भारत का यह दावा गलत है कि हमारे एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई में हमने पाक का एक एफ-16 विमान मार गिराया. इस पर क्या कहेंगे आप?
जवाब: मैंने तो ऐसा कोई समाचार नहीं पढ़ा. पाकिस्तान की मीडिया में खुद इस आशय की खबरें छपीं. कुछ लोग दुष्प्रचार करते हैं. पाकिस्तान ने शुरू के एक माह में कोई खंडन नहीं किया. अगर कुछ नहीं हुआ तो बालाकोट में एक माह तक मीडिया को क्यों नहीं जाने दिया. चुनाव में फेक न्यूज भी छपेंगी. कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों को महारत हासिल है ऐसे समाचार छपवाने में.
सवाल: छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा था. क्या इसका इन चुनावों में कोई फर्क पड़ेगा?
जवाब: पिछली कमी को पूरा करेंगे. हम इस बार 2014 के नतीजे दोहराएंगे.