लखनऊः कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी बाजार, मॉल्स और साप्ताहिक बाजारों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया था. वहीं जब प्रदेश में अनलॉक-01 लागू हुआ तो प्रथम चरण में शहर के सभी मॉल्स और बड़े बाजार जनता के लिए खोल दिए गए, लेकिन साप्ताहिक बाजार पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. मार्च से लेकर जून तक साप्ताहिक बाजार लगाने वाले दुकानदारों मुफलिसी की जिंदगी गुजार रहे हैं.
जनता कर्फ्यू से लेकर अब तक हैं परेशान
कोरोना संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया था. मार्च के आखिरी सप्ताह से लेकर जून के पहले सप्ताह तक शहर के सभी बाजार और मॉल्स बंद रहे. अनलॉक-1 के प्रथम चरण में सभी बाजार जनता के लिए खोल दिए गए, लेकिन शहर के करीब 1500 रजिस्टर्ड और करीब 300 अनरजिस्टर्ड साप्ताहिक बाजार लगाने वालों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
बेहद दयनीय हैं हालात
ईटीवी भारत से साप्ताहिक बाजार दुकानदार कल्याण समिति के महामंत्री मोहम्मद नदीम ने बातचीत में बताया कि पूरे लखनऊ शहर में पांच साप्ताहिक बाजारें लगती हैं. इन बाजारों में करीब 5 हजार परिवार काम करते हैं. सभी की हालत अब बेहद दयनीय हो चुकी है. सभी लोग अब भगवान के भरोसे बैठे हैं. मोहम्मद नदीम ने कहा जिला प्रशासन ने 30 जून तक दुकानें बंद रखने के लिए कहा था. इसके बाद क्या होगा यह आने वाला समय ही बताएगा.