घने कोहरे व शीतलहर से उत्तर भारत में जनजीवन अस्त-व्यस्त
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Published : Dec 20, 2020, 9:53 AM IST
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Updated : Dec 20, 2020, 10:38 AM IST
पूरे उत्तर भारत में इन दिनों ठंड का कहर देखते को मिल रहा है. ठंड से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ जा रहा है. वहीं यात्रा करने वाले लोगों का हाल और भी ज्यादा बेहाल है. इसके बावजूद सरकार की ओर से अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है.
सरकार की ओर से नहीं की गई अलाव की व्यवस्था.
लखनऊ: शनिवार देर रात से पड़ रहे कोहरे व शीत लहर की वजह से पूरे उत्तर भारत में लोगों का हाल-बेहाल है. सरकार की ओर से अभी तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. रैन बसेरे बनाए गए हैं, लेकिन यह इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहा है. अलाव न जलने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. शीत लहर व कोहरे ने यातायात के साधनों पर भी लगाम लगाने का काम किया है. घने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हो गई है, जिससे यातायात के साधन रेंगने पर मजबूर हो गए.
सरकार की ओर से नहीं की गई अलाव की व्यवस्था.
राजधानी लखनऊ समेत पूर्वी तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शीत लहर चलने के साथ-साथ कोहरा भी पड़ रहा है. रविवार को सुबह कोहरा इतना घना था कि चारों तरफ धुआं ही धुआं दिखाई पड़ रहा है. ठंड से बचने के लिए लोगों ने खुद को गर्म कपड़ों से ढका हुआ है, लेकिन शीतलहर के प्रकोप से गर्म कपड़े भी नहीं बचा पा रहे हैं. सरकार द्वारा इस बार अलाव की व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोग शीतलहर से बचने के लिए अलाव का प्रयोग करते नजर आए.
अभ्यर्थियों को करना पड़ा दिक्कतों का सामना
रविवार को जेल वार्डन की परीक्षा को लेकर दूरदराज इलाकों से परीक्षार्थी लखनऊ पहुंचे. इन परीक्षार्थियों को घने कोहरे व शीतलहर से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. अभ्यर्थियों का साफ तौर से कहना था कि भीषण ठंड में सरकार को सड़क पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अलाव की व्यवस्था तो करनी ही चाहिए थी.
पहाड़ी इलाकों पर हुई बर्फबारी का असर उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में बराबर देखने को मिल रहा है. शीतलहर लोगों को कांपने पर मजबूर कर रही है. इसके बावजूद परीक्षार्थी, श्रमिक और नौकरी पेशा लोग घर से निकलने को मजबूर हैं. सरकार इस बार ठंड से मरने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए पूर्व में ही इंतजाम करने के आदेश दे चुकी है, लेकिन कड़ाके की ठंड पड़ने के बावजूद अभी तक सरकार के दिन हुए आदेशों का पालन होता धरातल पर नजर नहीं आ रहा है.