लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रविवार को 7,695 कोरोना के मरीज मिले हैं. इसी अवधि में 253 लोग स्वास्थ होकर घर जा चुके हैं. बता दें कि रविवार को प्रदेश भर में 2 लाख 22 हजार 974 कोरोना टेस्ट किए गए थे. यूपी में अब कोरोना के कुल एक्टिव के आंकड़ा 25,974 पहुंच गया है. आंकड़ों के मुताविक कोरोना संक्रमित अधिकांश मरीज होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज कर रहे हैं.
सीएम योगी ने कोविड प्रबंधन को लेकर टीम-9 के साथ की बैठक
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हलांकि प्रदेश सरकार संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव मदद कर रही है. इसी क्रम में सीएम योगी ने रविवार को कोविड-19 की रोकथान के लिए टीम-9 के साथ बैठक की. बैठक के दौरान सीएम योगी ने कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए.
बैठक के दौरान सीएम योगी ने कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं. मास्क के प्रयोग, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, सैनिटाइजेशन इत्यादि से बढ़ रहे संक्रण को रोका जा सकता है. प्रदेश में अब तक 13 करोड़ 39 लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 07 करोड़ 85 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं.
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में तेज टीकाकरण की नीति और ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट से प्रदेश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सभी को एहतियात बरतना आवश्यक है.
टीम-9 की बैठक में सीएम योगी ने दिशा-निर्देश
- निगरानी समितियां और इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को पूरी तरह सक्रिय किया जाए. होम आइसोलेशन, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलिकन्सल्टेशन के लिए अलग-अलग नंबर जारी किए जाएं.
- जनपद स्तर पर इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स में चिकित्सकों का पैनल तैनात करते हुए लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. इसके अलावा जरूरत के मुताबिक लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए.
- कोविड के उपचार में उपयोगी जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए.
जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखें, उन्हें होम आइसोलेशन में रखते हुए इलाज किया जाए और उनकी निरन्तर मॉनीटरिंग की जाए. - को-मॉर्बिड मरीजों, बुजुर्गाें और बच्चों को संक्रमण से बचाने पर विशेष ध्यान दिया जाए, अगर इस तरह के मरीज संक्रमित हों तो उनके इलाज की प्रक्रिया की लगातार मॉनीटरिंग हो.
- निगरानी समितियां अपना कार्य प्रभावी ढंग से करें. गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डाें में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील रहें.
- निगरानी समितियां घर-घर संपर्क करके बिना टीकाकरण वाले लोगों की सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं, ताकि उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सके.
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