लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर सदन में समाजवादी पार्टी की टोपी का मुद्दा उछाला. उन्होंने कहा कि हाथरस केस में यह टोपी एक बार फिर सवालों के घेरे में है. हाथरस केस में एक बार फिर यह टोपी शर्मसार हुई है. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं, आखिर यह टोपी वाला कौन है.
नेता प्रतिपक्ष ने किया सवाल
इस पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने एक पोस्टर दिखाते हुए कहा कि इसमें भाजपा सांसद के साथ व्यक्ति खड़ा है. इस पर सीएम योगी ने कहा कि वहां एक समाजवादी पार्टी की रैली होने वाली है. उस रैली में उस व्यक्ति के पोस्टर होर्डिंग लगे हैं. होर्डिंग, पोस्टर में समाजवादी पार्टी के नेताओं के भी चित्र हैं.
आरोप कि मुख्यमंत्री नहीं बैठते कार्यलय में
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सदन में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचा तो वहां लोगों से पूछा कि मुख्यमंत्री कब आते थे. तो सब लोग चुप खड़े थे, लेकिन एक व्यक्ति ने कहा कि कभी-कभार. मैंने पूछा कभी कभार का मतलब. साल में एकाध बार आ जाया करते थे. अगर मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में नहीं बैठेंगे तो फिर राज्य का बेड़ा गर्क होना तय है. सीएम ने कहा कि 2015- 16 में उत्तर प्रदेश की इज ऑफ डूइंग बिजनेस में 14वें स्थान पर था. आज उत्तर प्रदेश इज ऑफ डूइंग में दूसरे स्थान पर है. सारी व्यवस्थाएं वही हैं. हमने कार्य पद्धति बदली है.
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प्रदेश को दिलाई है नई पहचान
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 10 लाख 90 हजार करोड़ रुपये की प्रदेश की कुल जीडीपी थी, लेकिन पिछले 4 वर्षो के अंदर ही उत्तर प्रदेश देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गया है. आज उत्तर प्रदेश की जीडीपी इकोनामी 20 लाख करोड़ हो गई है. अगर हम अगले पांच वर्षों के लिए एक बार फिर आए तो उत्तर प्रदेश देश की पहली अर्थव्यवस्था होगी.
सीएम योगी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि लोग उत्तर प्रदेश से पलायन कर रहे थे. लोग यहां से भाग रहे थे. लोगों का विश्वास टूट चुका था. उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 45 हजार थी. आज प्रति व्यक्ति आय लगभग 95000 है. यह परिवर्तन है. प्रदेश में ईज आफ लिविंग को भी बेहतर किया गया है. सभी क्षेत्रों में समग्र प्रयास किया गया. यह आंकड़े हमारी सरकार के नहीं हैं, देश की नामी वित्तीय संस्थाओं और केंद्र सरकार के हैं.
चार वर्ष में 40 लाख लोगों को आवास मिले. हर गांव की कनेक्टिविटी हो जाए. इंटर स्टेट कनेक्टिविटी ठीक हो गई. नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि हम भी करना चाहते थे, लेकिन कर नहीं पाए. इसलिए जनता ने कहा कि आप जहां के लायक हैं वहीं बैठें. 1920 का बजट मातृशक्ति को समर्पित किया था 20-21 का बजट युवाओं को रोजगार इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी योजनाओं को नई गति देने के लिए बजट पेश किया गया. वहीं 2021-22 के बजट को सामग्री ओम समावेशी बजट है.