लखनऊः राजधानी में स्थित केजीएमयू में एक तरफ महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ और सामान चोरी की घटनाएं हो रही हैं. इन्हीं सब घटनाओं को देखते हुए विभागाध्यक्ष ने सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी. लाखों रुपए के सीसीटीवी कैमरे आए तो लेकिन अभी तक उन्हें लगवाया नहीं जा सका है. मुख्य सचिव की ओर से आदेश जारी होने के बाद केजीएमयू प्रशासन की आंख खुली है और जल्द से जल्द कैमरे लगाने की दुहाई दे रहा है.
केजीएमयू में अब तक नहीं लगे कैमरे इसे भी पढ़ें-सफल हुआ KGMU में 5वां लीवर ट्रांसप्लांट
केजीएमयू में नहीं लगे कैमरे-
- राजधानी के केजीएमयू में वर्ष 2015 में कई विभागाध्यक्ष ने कुलपति से सीसीटीवी कैमरे लगवाने की मांग की थी.
- जिसके पीछे तर्क दिया गया था कि कैमरे होने से पारदर्शिता बनी रहेगी और विभाग पर भी नजर रहेगी.
- संस्थान में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से सीसीटीवी कैमरे खरीदे गए थे लेकिन इन कैमरों को लगाया नहीं गया.
- 4 साल पहले खरीदे गए इन कैमरों के लिए अभी तक तार का भी इंतजाम नहीं हो पाया है.
- कैमरे संस्थान के स्टोर रूम में ही पड़े रहे.
- बाद में जरूरत पड़ने पर विभिन्न विभागाध्यक्ष ने कुछ कैमरे खरीद कर लगवा लिए.
कैमरे के उपकरण आ रहे है. जैसे -जैसे उपकरण आते जा रहे है कैमरों को लगवाया जा रहा है.
डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू