लखनऊ: पत्रकारों के साथ सपाइयों की हुई मारपीट में अखिलेश यादव के खिलाफ एफआईआर लिखे जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि जैसी करनी वैसी भरनी. यूपी भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी ने कहा कि अखिलेश यादव की करनी सामने आ रही है. सीएम योगी ने टोपी की परिभाषा जो सुनाई थी उसका ठीक से परिचय अखिलेश यादव ने पत्रकारों को दिया है.
सत्ता में रहते हैं तो पत्रकारों को जिंदा जलवा देते हैं अखिलेश: भाजपा
मुरादाबाद में सपा की प्रेस कॉन्फेंस के दौरान पत्रकारों से मारपीट मामले में मामला अब सपा भाजपा के बीच को हो गया है. दोनों तरफ से बयानबाजी लगातार की जा रही है. यूपी भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी ने कहा कि अखिलेश सत्ता में रहते हैं तो पत्रकारों को जिंदा जलवा देते हैं. उनकी करनी सामने आ रही है.
पत्रकारों के साथ मारपीट की घटना निंदनीय
यूपी भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी ने कहा कि यह घटना बहुत ही अशोभनीय और निंदनीय है. अखिलेश यादव किस समाजवाद को लेकर चल रहे हैं. क्या यह वही समाजवाद है जिसे लोहिया ने स्थापित किया था. क्या लोहिया जी की आत्मा इस समय रोती नहीं होगी. उस समय समाजवाद की परिभाषा क्या थी और आज अखिलेश यादव के जमाने में समाजवादी की परिभाषा क्या हो गई है. यही अखिलेश यादव थे जब इनकी सरकार थी तब 2015 में शाहजहांपुर में एक पत्रकार ने समाजवादी पार्टी के नेता के खिलाफ खबर लिखी तो उसे रातों-रात जिंदा जला दिया गया था. कोर्ट ने संज्ञान लेकर उस घटना की सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे.
सत्ता से बाहर होते हैं तो पत्रकारों पर करवाते हैं हमला
उन्होंने कहा कि जब समाजवादी पार्टी के लोग सत्ता में रहते हैं तो पत्रकारों को जिंदा जला देते हैं, जब सत्ता से बाहर होते हैं तो पत्रकारों को पिटवा देते हैं. जब पत्रकार इनसे सवाल पूछते हैं तो उन्हें बिका हुआ बताते हैं, क्या यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर आक्रमण नहीं है, क्या लोकतंत्र में पत्रकारों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है. अखिलेश यादव को संयम का परिचय देना चाहिए. जैसा वह करेंगे वैसा भरेंगे, जिस तरह से पत्रकारों के खिलाफ उन्होंने किया है पुलिस अपना काम करेगी.