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समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति लेनी है तो बायोमीट्रिक उपस्थिति सिस्टम डेवलप करना होगा अनिवार्य

समाज कल्याण विभाग की तरफ मिलने वाली छात्रवृत्ति के लिए मंत्री असीम अरुण ने बड़ी शर्त रख दी है. इसके तहत अब छात्रवृत्ति के ऑनालाइन उपस्थिति अनिवार्य (Biometric Attendance System) कर दी गई है. ऐसी शर्त से सबसे अधिक परेशाना सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज व सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों को होने वाली है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 26, 2023, 2:30 PM IST

लखनऊ :समाज कल्याण विभाग की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए जारी की गई नई गाइडलाइन में 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से छात्रवृत्ति आवंटन में ऑनलाइन उपस्थिति को अनिवार्य किया है. ऐसे में सभी शिक्षण संस्थानों को 2025 तक अपने यहां पर छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करने की व्यवस्था करनी होगी. मौजूदा समय में छात्रों के उपस्थिति के मानक (75 फीसदी) को विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज व शिक्षण संस्थानों के स्तर पर ऑफलाइन ही प्रमाणित किया जाता है. छात्र आवेदन फॉर्म भरने के बाद अपने संबंधित शिक्षण संस्थानों के विभागाध्यक्ष, संकायाध्यक्ष अथवा प्रधानाचार्य से अपनी उपस्थिति को ऑफलाइन प्रमाणित कराकर उसकी प्रति अपने आवेंदन फॉर्म के साथ नोडल सेंटर्स पर जमा करते हैं. छात्रों द्वारा जमा की गई छाया प्रतिलिपि को बाद में नोडल संस्थान प्रमाणित करके समाज कल्याण विभाग को आगे भेज देते है. समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार अब केवल शैक्षिक साथ 2023-24 व 2024-25 के लिए ही ऑफलाइन उपस्थित मान्य होगा. शैक्षणिक सत्र 2025 से केवल उन्हीं शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जहां पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज हो रहे होंगे.

छात्रवृत्ति के लिए जरूरी होगा यह काम.

ऑनलाइन उपस्थिति शुरू करने लेने के लिए 2 साल का समय

समाज कल्याण विभाग के मंत्री असीम अरुण ने बताया कि छात्रवृत्ति में कई बार जांच करने पर फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं. कई शिक्षण संस्थाओं ने फर्जी छात्रों के प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति विभाग से ली है. जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि वहां पर कभी कोई छात्र का प्रवेश हुआ ही नहीं है. इन सभी चीजों को रोकने के लिए विभाग ने नई नियमावली में ऑनलाइन उपस्थिति को अनिवार्य किया है. प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को अगले 2 साल में अपने यहां पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की व्यवस्था करनी होगी.

यूपी के कालेजों की संख्या.


एडेड और वित्त विहीन कॉलेज में ऑनलाइन उपस्थिति में आएगी दिक्कत
लखनऊ विश्वविद्यालय सम्बद्ध डिग्री कॉलेज शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि समाज कल्याण विभाग में शैक्षणिक सत्र 2025 से सभी विश्वविद्यालय डिग्री कॉलेज व शिक्षण संस्थानों में ऑनलाइन उपस्थिति के लिए बायोमीट्रिक लगाने का जो आदेश दिया है. यह आदेश सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज व सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज के लिए काफी चुनौती पूर्ण बनने जा रहा है. बायोमीट्रिक मशीन लगाने के लिए सभी शिक्षण संस्थानों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. विशेष तौर पर सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज में मैनेजमेंट के पास ऐसा कोई वित्तीय प्रबंधन नहीं होता. जिससे वह इन मशीनों को लगाने के लिए बजट निकल सके. वहीं प्राइवेट डिग्री कॉलेज विश्वविद्यालय की ओर से तय फीस ही लेते हैं. उन्हें भी इन मशीनों को लगाने के लिए अतिरिक्त भार बढ़ेगा, जिसका दबाव कहीं न कहीं छात्रों पर ही आएगा. एक ओर जहां प्राइवेट कॉलेज यह व्यवस्था अपनी तरफ से तो कर लेंगे पर सरकारी कॉलेज में यह व्यवस्था लागू करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

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