लखनऊः राजधानी में आए दिन अस्पतालों के ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां इंसानियत तार-तार हो जाती है. चंद पैसों के लोभी अपने जमीर को बेचते हुए झिझक नहीं खाते. राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसने मानवता को शर्मसार किया है. बीते महीने रेलवे कर्मी दिनेश कुमार वर्मा की कोरोना से मौत हुई थी. जिसके बाद मृतक का बेटा अभिषेक वर्मा पिता की डेथ सर्टिफिकेट के लिए अस्पताल का चक्कर लगा रहा था. आरोप है कि अस्पताल में कर्मचारी रिश्वत मांग रहे थे. रिश्वत नहीं देने पर अभिषेक को इधर से उधर चक्कर लगवा रहे थे.
इलाज के अभाव में पिता ने तोड़ा दम
आलमबाग निवासी अभिषेक वर्मा ने बताया कि मेरे पिता दिनेश कुमार वर्मा की मौत अस्पताल में इलाज के अभाव में हुई थी. पिता कोरोना संक्रमित थे. इलाज के लिए उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बीच अभिषेक की नोकझोंक अस्पताल के कर्मचारियों के साथ हुई. अभिषेक ने कहा कि पिता की मौत के बाद भी वह शांत थे, लेकिन 26 दिन हो गए, डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला. रोजाना वह अस्पताल जाते रहे. आरोप है कि इस बीच अस्पताल कर्मचारी उनसे रिश्वत में कभी 100 तो कभी 500 रुपये मांगते रहे. 26 दिन बाद सोमवार दोपहर बड़ी मुश्किल से पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र मिला.
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