लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में गुरुवार को ऑपरेशन के नाम पर मरीज के तीमारदार से पैसे मांगने का मामला सामने आया था. तीमारदार महिला का आरोप है कि अस्पताल के सर्जन ने ऑपरेशन से पहले 6500 रुपये की मांग की थी. इस मामले की जांच अस्पताल के लिए कमेटी का गठन का किया गया है. मामले की जांच सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता कर रहे हैं. बता दें कि इससे पहले भी बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टर पर मरीजों ने पैसा वसूलने आरोप लगाया है.
अस्पताल के सीएमएस जीपी गुप्ता ने बताया कि 'अभी कुछ देर पहले मैंने उस मामले का वीडियो देखा. वीडियो में जिन डॉक्टर साहब से महिला की वार्तालाप हो रही है, उससे हम अंदाजा लगा पा रहे हैं कि वह कौन से डॉक्टर साहब हैं. उन्हीं डॉक्टर का गुरूवार को ही आंख का ऑपरेशन हुआ है तो अभी हम उनसे कोई पूछताछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन जो उस वीडियो में ऑडियो सुनाई दे रहा है. उन्होंने कहा कि 'सरकारी अस्पताल में कई बार संसाधनों की कमी की वजह से कुछ सामान लाये जाते हैं या मंगवाए जाते हैं जो हमें सप्लाई में नहीं मिलते हैं. कई बार ऐसा होता है कि डॉक्टर जब तीमारदार से सामान मंगवाता है तो डॉक्टर लिखते कुछ हैं और लोग लाते कुछ और हैं और ऑपरेशन के समय हमेशा दिक्कत हो जाती है. मरीज निर्धन है. उसके पास पैसे नहीं हैं तो कई बार डॉक्टर समान मंगवा कर रखते हैं कि मरीज का काम हो जाए. कुछ मरीज उन सामानों के पैसे दे देते हैं, जिससे परिपूर्ति हो जाती है कुछ लोग नहीं देते हैं तो वह डॉक्टर को अपने जेब से भरना पड़ता है.'
उन्होंने कहा कि 'अब जांच होने पर इस बात की पुष्टि होगी कि जिस सामान के लिए डॉक्टर पैसे मांग रहे थे वह सामान क्या हमारे अस्पताल में था की नहीं? जो सामान मंगाए गए वह सामान सही था या गलत था? कहीं ऐसा तो नहीं कि सामान के नाम पर पैसा मांगा गया हो और यह भी संभव है कि जिस सामान की आवश्यकता थी वर्तमान में अस्पताल में नहीं था, इसलिए मंगवाया गया. इसकी जांच में पुष्टि होगी. फिलहाल मरीज के तीमारदार को अस्पताल में बुलाने के लिए कहा गया है, ताकि तीमारदार की इस मामले में प्रतिक्रिया ली जाए. इसके बाद जैसे ही डॉक्टर छुट्टी से वापस लौटेंगे तो उनसे भी प्रतिक्रिया ली जाएगी. उसके बाद कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट बनाएगी.'
डालीगंज निवासी रुबीना ने बताया कि 'उसके ससुर को हार्नियां संबंधी परेशानी हुई. परिवारजनों ने 31 जनवरी को मरीज को बलरामपुर अस्पताल के जनरल सर्जरी विभाग में भर्ती कराया था. उपचार के दौरान पहली फरवरी को डॉक्टर ने ऑपरेशन करने का निर्णय लिया. बहू रुबीना का आरोप है कि 'डॉक्टर ने ऑपरेशन के नाम पर 6500 रुपये की मांग की. पैसे न देने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन टालना शुरू कर दिया. इससे मरीज को परेशानी बढ़ने लगी और किसी तरह डॉक्टर ऑपरेशन को राजी हुए. ऑपरेशन के बाद वार्ड ब्वॉय व अन्य कर्मचारी ने मरीज को शिफ्ट करने के नाम पर पैसे मांगे. मरीज के परिजनों ने अस्पताल के निदेशक से लिखित शिकायत करने के साथ ही वीडियो भी साझा किया था, जिसके बाद अब जांच हो रही है.'
यह भी पढ़ें : Mayawati Tweet : बसपा ने अपने मीडिया सेल को भंग किया, कोई अधिकृत प्रवक्ता नहीं