लखनऊ:उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के लाख दावों के बावजूद एक्शन प्लान धरातल पर नहीं दिख रहे हैं. प्रदेश और राजधानी में वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. लोगों को सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं. अधिकारी सिर्फ बयानों तक सीमित रह गए हैं. धरातल तक एक्शन प्लान नजर नहीं आ रहा है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दावे फेल
दीपावली के बाद से राजधानी लखनऊ सहित एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण काफी बढ़ गया है. लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 का आंकड़ा पार कर चुका है. वहीं यूपी के अन्य शहरों की स्थिति और भी खतरनाक है. सबसे खतरनाक स्थिति गाजियाबाद और अन्य शहरों की है, जहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 753 से 767 का आंकड़ा पार कर चुका है. वहीं प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दावे फेल हो रहे हैं. धरातल पर वायु प्रदूषण रोकने के लिए निर्माण कार्यों में ग्रीन पर्दे लगाना, उन्हें ढंकने का काम, पानी का छिड़काव, कूड़ा जलाना और पराली जलाने पर रोक के उपाय एक्शन प्लान के मुताबिक नजर नहीं आ रहे हैं. यही वजह है कि वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता चला जा रहा है.
नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि एक्शन प्लान के अनुसार नगर निगम काम कर रहा है. हमारा प्रयास है कि वायु प्रदूषण को कम किया जाए. हम पेड़ों में पानी से छिड़काव और नाइट स्वीपिंग मशीनों से सफाई करा रहे हैं. कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है और अन्य तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं, जिससे प्रदूषण को कम किया जा सके.