लखनऊ : रहीमाबाद इलाके के भतोइया गांव में रविवार शाम डीआईजी खाद्य एवं औषधि सर्वेश राणा (DIG Food and Drug Sarvesh Rana) की टीम ने अचानक धावा बोल दिया. इस दौरान टीम ने मेडिकल स्टोरों पर जांच पड़ताल की. टीम ने मेडिकल स्टोरों के संचालकों के रजिस्ट्रेशन की सत्यता और दवाओं की गुणवत्ता परखी. इस कार्रवाई के दौरान इलाके के मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मच गया. कार्रवाई के डर से क्षेत्र के कई मेडिकल स्टोर संचालक अपनी दुकानें बंद कर भाग गए.
इस्पेक्टर रहीमाबाद अख्तियार अहमद (Inspector Rahimabad Akhtar Ahmed) ने बताया कि डीआईजी खाद्य एवं औषधि सर्वेश राणा ((DIG Food and Drug Sarvesh Rana)) की टीम ने भतोइया गांव में मेडिकल स्टोर पर जांच पड़ताल की. इस दौरान उन्होंने दो मेडिकल स्टोर संचालकों को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किया है. साथ ही जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए हैं. इसी प्रकार गहेदेव कस्बे के मेडिकल स्टोर संचालक शटर गिरा कर भाग गए.
मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई से संचालकों में हड़कंप, जानिए कहां पहुंची थी खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम
खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम ने रविवार शाम को अचानक लखनऊ के दूरस्थ और ग्रामीण इलाके रहीमाबाद क्षेत्र में धावा बोल दिया. इस दौरान गड़बड़ियां मिलने पर टीम ने दो मेडिकल स्टोर संचालकों को पुलिस के हवाले कर दिया. वहीं कार्रवाई के भय से कई मेडिकल स्टोर संचालक दुकानों में ताला लगा कर भाग गए.
बता दें, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 18 के अंतर्गत किसी दवा की बिक्री के लिए निर्माण, वितरण, बिक्री,भंडारण, प्रदर्शन और ऑफर फॉर सेल के लिए लाइसेंस होना जरूरी है. बिना लाइसेंस के कोई भी मेडिकल स्टोर नहीं चला सकता और न ही ऐसा कोई क्रियाकलाप कर सकता है. नियमों के उल्लंघन पर ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है. नियमों के उल्लंघन में कम से कम 3 वर्ष व अधिकतम 5 वर्ष का कारावास हो सकता है. इसके अलावा 1 लाख रुपये का जुर्माना भी हो सकता है. इसके बावजूद जिले में कई मेडिकल स्टोरों का संचालन बिना लाइसेंस और बिना किसी फार्मासिस्ट के हो रहा है. ग्रामीण इलाकों में अधिकतर मेडिकल स्टोरों का संचालन अनभिज्ञ लोग करते हैं. नियम के मुताबिक दवाइयों को काटकर नहीं बेची जानी चाहिए. इसके बावजूद खुली दवाएं बिकते देखी जा सकती हैं.