लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष रेलवे ने नासिक रोड स्टेशन से वकीलों को वापस लखनऊ लाने के लिए एक विशेष बोगी लगाने पर सहमति जताई है. यह विशेष बोगी ट्रेन नं. 15066 पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस में लगाई जाएगी. रेलवे ने ट्रेन नं. 12107 के रद्द होने के बदले में उक्त ट्रेन में एक विशेष बोगी लगाने पर सहमति जताई है.
ट्रेन हुई रद्द
दरअसल 163 वकीलों ने लखनऊ से शिरडी दर्शन करने जाने के लिए लखनऊ तक वापसी का आरक्षित टिकट कराया था. वापसी के लिए ट्रेन नं 12107 लखनऊ सुपरफास्ट एक्सप्रेस से सभी वकीलों का 11 जनवरी 2020 का कंफर्म टिकट हो चुका था. अचानक यह ट्रेन 11 जनवरी के लिए रद्द कर दी गई. जिसके बाद सुनील कुमार सिंह की ओर से एक रिट याचिका दाखिल करते हुए मांग की गई कि उन्हें किसी और ट्रेन में समायोजित किया जाए. इस पर न्यायालय ने रेलवे से पूछा कि वह इन यात्रियों को अचानक इस तरह की स्थिति में कैसे छोड़ सकती है. न्यायालय ने यह भी पूछा कि इन यात्रियों को दूसरी ट्रेन में समायोजित क्यों नहीं किया जा सकता. इस पर रेलवे के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि 11 और 12 जनवरी को कानपुर जंक्शन के पहले कुछ कार्य होगा, जिसकी वजह से ट्रेन नं 12107 को रद् किया गया है.
अतिरिक्त बोगी लगाकर किया गया समायोजित
- रेलवे की ओर से प्रस्ताव दिया गया कि यात्री अधिवक्ताओं के समूह को ट्रेन नं. 15066 में समायोजित किया जा सकता है.
- इसके लिए उक्त ट्रेन में एक बोगी अतिरिक्त लगानी होगी.
- रेलवे की ओर से बताया गया कि उक्त ट्रेन में 23 बोगी पहले से हैं.
- इसकी सक्षमता के मद्देनजर एक बोगी और जोड़ी जा सकती है, जिसमें कुल 72 बर्थ होंगी.
- नई बोगी खास तौर पर यात्री अधिवक्ताओं के लिए होगी और इसके लिए उन्हें एक लाख 16 हजार रुपए चुकाने होंगे.
- रेलवे के इस प्रस्ताव को याची की ओर से स्वीकार कर लिया गया.
जिस पर न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने याचिका को निस्तारित करते हुए, यह स्पष्ट किया कि इस आदेश को उदाहरण के तौर पर नहीं लिया जाएगा क्योंकि यह वादी और प्रतिवादी की सहमति के आधार पर है.