लखनऊ : 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले से प्रभावित दलित और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों ने अपनी मांगों को लेकर अपना आंदोलन जमीनी स्तर पर तेज कर दिया है. अभ्यर्थी आगामी 27 मार्च को महा आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. वहीं इससे पहले अपनी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनसे मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का आग्रह भी कर रहे हैं. अभ्यर्थियों के आग्रह पर कई जिलों के ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्यों ने मुख्यमंत्री को इस आशय में पत्र भी लिखा है. ज्ञात हो कि 13 मार्च को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 5 जनवरी 2022 को जारी 6,800 शिक्षकों की चयन सूची को रद्द कर दिया है. इसके बाद से अभ्यर्थी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
अभ्यर्थियों ने आंदोलन के क्रम में वे अपनी पीड़ा को ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ब्लाॅक प्रमुख इत्यादि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी मांग माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने का कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया है. अभ्यर्थियों के पीड़ा सुनने के बाद भाजपा के ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य व क्षेत्र पंचायत प्रमुख ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि आदेशों का पालन अधिकारियों ने ठीक प्रकार से नहीं किया. जिस कारण 69000 शिक्षकों भर्ती प्रक्रिया में ओबीसी, एससी समाज के 6800 चयनित अभ्यर्थियों को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. सदस्यों ने हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का ऑर्डर भी अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है. अधिकारियों की लचर पैरवी के कारण 6800 की सूची कोर्ट में रद्द हो गई है. जबकि अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर (रामशरण मौर्य राघवेंद्र प्रताप सिंह) अधिकारियों को उपलब्ध कराया गया था. जिसे सिंगल बेंच में प्रस्तुत नहीं किया गया.
जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि हमने अभ्यर्थियों द्वारा उपलब्ध कराए गए आर्डर आदि सिंगल बेंच के सामने ठीक प्रकार से प्रस्तुत कराए गए होते तो, इस तरह का आदेश सिंगल बेंच से नहीं आता और ना ही प्रक्रिया बाधित होती. हाईकोर्ट के आदेश के बाद पिछड़े व दलित समाज के अभ्यर्थियों में रोष व्याप्त है अब वो खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. बता दें, यूपी में अखिलेश यादव की सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के समायोजन को कोर्ट ने रद्द कर दिया था और खाली हुए 1 लाख 26 हज़ार पदों पर भर्ती का आदेश दिया था. इस पर सरकार ने कहा कि इतनी बड़ी भर्ती एक साथ नहीं हो सकती है. इसलिए एक बार में 69 हज़ार और दूसरी बार 68 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की जाएगी. यह शिक्षकों की भर्ती का पहला चरण है.