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लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह : स्टूडेंस को मिली डिग्री, मेधावियों का हुआ सम्मान

राजधानी लखनऊ स्थित लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह (66th convocation of Lucknow University) बुधवार को आयोजित किया गया. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, पद्मश्री प्रोफेसर बलराम भार्गव, मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, रजनी तिवारी और डॉ. संदीप गोयल मौजूद रहेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 6, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Dec 6, 2023, 8:15 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया गया. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल और विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल कर रही हैं. इसके अलावा मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री प्रोफेसर बलराम भार्गव, प्रदेश सरकार के मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, रजनी तिवारी और विशिष्ट अतिथि के तौर पर डॉक्टर संदीप गोयल को मानक उपाधि से सम्मानित किया जाएगा, वहीं इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को गेट नंबर दो पर स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के बगल में संविधान स्थल की स्थापना की. इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ध्वज स्थापित किया. इस संविधान स्थल पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना देवनागरी एवं रोमन भाषा दोनों ही लिपियों में स्थापित की गई है.


लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह

101 मेधावियों को प्रदान किए गए 193 मेडल

लखनऊ विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल 101 मेधावियों को 193 पदक व पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगी. दीक्षांत में करीब 53 हजार डिग्रियां भी प्रदान की गईं. इस अवसर पर रिचा सामंत को कुलाधिपति गोल्ड मेडल, स्वराज शुक्ला को जीएन चक्रवर्ती मेडल, भावनी बहुगुणा को कुलपति गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा शिवि गौतम को चांसलर सिल्वर मेडल, श्रेयांश शुक्ला को चांसलर सिल्वर मेडल, अरुण कुमार को चांसलर ब्रॉन्ज मेडल, चेतन शुक्ला को चांसलर ब्रांच मेडल, मान्या श्रीवास्तव को चांसलर ब्रॉन्ज मेडल, प्रियांशु निगम को चांसलर ब्रॉन्ज मेडल, माही गुप्ता को चांसलर ब्रॉन्ज मेडल व स्वाति को चांसलर ब्रॉन्ज मेडल से सम्मानित किया गया.

लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह

भविष्य में महामारी को रोकने के लिए भारत तैयार कर रहा रोड मैप

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के पूर्व निदेशक और एम्स नई दिल्ली के कार्डियोलॉजी विभाग के पद्मश्री प्रोफेसर बलराम भार्गव लखनऊ विश्वविद्यालय के 66वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे. इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि 'भारत कोरोना जैसी महामारी को भविष्य में रोकने के लिए पूरा रोड मैप तैयार कर रहा है. इसमें भारत सरकार देश के सभी वैज्ञानिक और मेडिकल से जुड़े हुए इंस्टिट्यूट मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिस तरह से हमने कोरोना को रोकने के लिए स्वदेशी वैक्सीन को रिकाॅर्ड समय में विकसित किया है. इस तरह हम भविष्य में कोरोना जैसी किसी भी महामारी को रोकने के लिए अभी से काम कर रहे हैं. भारत पूरे विश्व में इस तरह की आपदाओं को रोकने के लिए एक मार्गदर्शक के तौर पर सामने आएगा.'

लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह

सिगरेट व तंबाकू का सेवन हार्ट अटैक का मुख्य कारण

डॉ भार्गव ने कहा कि 'हमारे देश में कोरोना को रोकने के लिए जितनी भी वैक्सीन बनी है व कोरोना की वैक्सीन को लेकर जिस तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं कि अब उससे लोगों को हार्ट अटैक या पेट से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं यह पूरी तरह से गलत है. पद्म श्री डॉ भार्गव ने कहा कि 'युवा अवस्था में जिन लोगों को हार्ट अटैक की समस्या आ रही है, इसका मुख्य कारण हमारा हैबिटेट है. उन्होंने बताया कि विश्व में जितना भी तंबाकू का उत्पादन होता है उसका सबसे ज्यादा 70% से अधिक का प्रयोग भारत में होता है. विशेष तौर पर जो लोग जिम जाते हैं उन्हें सिगरेट व तंबाकू के सेवन से परहेज करना चाहिए. युवाओं में हार्ट अटैक का मुख्य कारण यही है.'

लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह



'हमेशा प्रोफेशनल बनाए रखें तभी मिलेगी सफलता'

पद्मश्री प्रोफेसर बलराम भार्गव ने बताया कि 'आज आपकी पढ़ाई पूरी नहीं हो रही है. अब आप अपने प्रोफेशनल जीवन की शुरुआत कर रहे हैं, ऐसे में अब आपको सीखने की एक नई प्रतिस्पर्धा में शामिल होना है. जो भी छात्र अपने इस प्रोफेशनल लाइफ में हमेशा सीखता रहेगा, वह बहुत आगे जाएगा. उन्होंने विद्यार्थियों को बोला कि डिग्री आज आपको प्राप्त हुई है वह आपकी पहली सीढ़ी है. इसके बाद उस डिग्री के लायक आपको खुद बनना है. इसके लिए अपने प्रोफेशनल करियर में लगातार कुछ ना कुछ सीखने के लिए आगे बढ़ता रहना होगा.'

लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह



'बड़े सपने देखोगे तभी आगे बढ़ पाओगे'

मानक उपाधि से सम्मानित होने वाले ऐड गुरु डॉ. संदीप गोयल ने बताया कि 'जो भी व्यक्ति बड़ा सपना देखता है, वही हमेशा आगे बढ़ता है. उन्होंने कहा कि मैं खुद एक छोटे से शहर से आया था, लेकिन अपनी लगन और सपनों को कभी छोटा नहीं होने दिया, जिसके बाद आज इस मुकाम तक पहुंचा हूं. उन्होंने छात्रों से कहा कि आपने अपने भविष्य के लिए जो भी सपना देखा है उसे पूरा करने के लिए रोड मैप बनाएं और उस पर चलें. उन्होंने कहा कि हमारी एडवरटाइजिंग की दुनिया में जब कोई नया प्रोडक्ट आता है तो सबसे पहले हम उस प्रोडक्ट के बारे में सब कुछ पता करते हैं और फिर यह तय करते हैं कि यह प्रोडक्ट किन लोगों के लिए है. फिर उन तक पहुंचाने के लिए हम इसका मार्ग बनाते हैं. उन्होंने बताया कि आज पढ़ाई पूरी कर रहे छात्र भी एक नए प्रोडक्ट की तरह हैं, लेकिन यहां आपको अपना प्रोडक्ट खुद ही आगे लेकर जाना है. ऐसे में आपको जिस फील्ड में भी आगे जाना है उस फील्ड के बारे में अच्छी तरह से जानें और उस तक पहुंचने के लिए मार्ग को बनाएं. यही एक अच्छे एडवरटाइजर्स बनने का रास्ता होता है और इसी मार्ग से ही आप अपने फ्यूचर्स गोल को प्राप्त कर सकते हैं.'

लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह

एडवरटाइजमेंट फील्ड बेहतर काम करेगा तो देश की इकोनॉमी भी अच्छे से चलेगी

डॉ. संदीप गोयल ने कहा कि एडवरटाइजमेंट हमारे इकोनॉमी के एसेंशियल ऑयल की तरह है. अगर एडवरटाइजमेंट फील्ड बेहतर काम करेगा तो हमारे देश की इकोनॉमी भी अच्छे से चलेगी. उन्होंने डिग्री प्राप्त कर रहे युवाओं को कहा कि 'जब मार्केट में कोई नया प्रोडक्ट आता है तो उसे किसी सेलिब्रिटी के फेस की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह आप प्रोफेशनल फील्ड में काम करने जा रहे हैं तो उन आपको एक बेहतर जॉब अपॉर्चुनिटी या प्लेसमेंट की जरूरत है. एक बार आपको जब वह प्लेसमेंट मिल जाए तो आप अपने आप को खुद एक प्रोडक्ट के तौर पर तैयार कर सकते हैं. जैसे एक प्रोडक्ट अपना नाम मार्केट में बना लेता है तो उसे फिर किसी सेलिब्रिटी की जरूरत अपने प्रचार प्रसार के लिए नहीं होती है आपको भी आगे चलकर वही प्रोडक्ट बनना है.'

लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षांत समारोह

विश्वविद्यालय ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले विद्वान दिए : राजधानी में बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय का 66वां दीक्षात समारोह मनाया गया. इस दौरान प्रदेश की राज्यपाल और लखनऊ विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं. उन्होंने कहा कि 'लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के 103 वर्ष पूर्ण होने पर इस विश्वविद्यालय ने आज तक कई विद्वानों, वैज्ञानिकों लोक सेवकों तथा विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले विद्वान दिए हैं. इस विश्वविद्यालय को यूजीसी द्वारा ग्रेड वन का दर्जा मिला है जो हम सभी के लिए एक गर्व का विषय है.' उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि 'भारत में उच्च शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण पर जोर दिया जा रहा है ताकि भारत विदेशी छात्र के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके.' दीक्षांत समारोह में 193 मेडल प्रदान किए गए, जिसमें 28 मेडल छात्रों को और 79 मेडल छात्राओं को दिए गए. इसके अलावा 33146 स्नातक की डिग्री तथा 10009 परास्नातक डिग्री तथा 243 पीएचडी स्कॉलर को उपाधि प्रदान की गई है.




सिविल सर्विसेज की तैयारी :अपराजिता सिंह ने एमए एआईएच से आठ गोल्ड मेडल और एक बुक प्राइज हासिल किया है. उन्होंने बताया कि 'उन्होंने कभी मेडल हासिल करने के लिए पढ़ाई नहीं की बल्कि नार्मल तैयारी करते हुए अपना शत प्रतिशत दिया. अभी वह नेट की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं. साथ ही वह सिविल सर्विसेज की भी तैयारी करेंगी, वह आईएएस बनना चाहती हैं. इनके पिता निशांत कुमार सिंह प्राइवेट जॉब करते हैं और मां ममता सिंह गृहिणी हैं.

नेट जेआरएफ की कर रहे तैयारी :श्रेयांश शुक्ला ने एमएससी मैथमेटिक्स में चांसलर सिल्वर मेडल समेत सात गोल्ड मेडल और बुक प्राइज हासिल किया है. उन्होंने बताया कि वह रेगुलर क्लास करते थे और जो भी पढ़ाया जाता था, उसे घर पर दोबारा दोहराते जरूर थे. फिलहाल अभी नेट जेआरएफ की तैयारी कर रहे हैं. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जाना चाहते हैं इनके पिता सीजीडीए में सीनियर एकांउटेंट हैं और मां सविता शुक्ला गृहिणी हैं.

इफ्फत खान हासिल किए गोल्ड मेडल :इफ्फत खान ने एलएलबी थ्री ईयर में आठ गोल्ड मेडल हासिल किया है. उन्होंने शिया पीजी काॅलेज से एलएलबी पूरी की है. उन्होंने इससे पहले प्रथम वर्ष दो मेडल और द्वितीय वर्ष वाइस चांसलर ब्रॉन्ज मेडल समेत दो मेडल हासिल किया था. उन्होंने बताया कि वह कुशल अधिवक्ता बनना चाहती हैं. इनके पिता मुसरत अली खान प्राइवेट जॉब करते हैं, इनकी मां निगार खान गृहिणी हैं.


नेट जेआरएफ की कर रहे तैयारी :अमन स्वर्णकार ने एमएसएसी फीजिक्स में छह गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. उन्होंने बताया कि वह लाइब्रेरी, यूट्यूब और अलग-अलग लेखकों की बुक से पढ़ाई करते थे. अब वह नेट जेआरएफ की तैयारी कर रहे हैं और पीएचडी करके शिक्षा के क्षेत्र में जाना चाहते हैं. इनके पिता राजकिशोर स्वर्णकार की ज्वैलरी शॉप है और मां अनु स्वर्णकार गृहिणी हैं.


आयुषी मेहरा ने हासिल किए पांच गोल्ड मेडल :आयुषी मेहरा ने एमए राजनीति शास्त्र में पांच गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. उन्होंने बताया कि वह जो पढ़ाया जाता था, उसे पढ़ती थीं और उसका रिवीजन जरूर करती थीं. साथ ही रिसर्च पेपर को भी पढ़ती थीं ताकि राइटिंग स्किल बढ़ जाये. वह शिक्षा के क्षेत्र में अपना भविष्य संवारना चाहती हैं और इसके लिए वह नेट जेआरएफ की तैयारी कर रही हैं. इनके पिता राकेश बिहारी मेहरा जीजीआईसी में क्लर्क हैं और इनकी मां आशू मेहरा गृहिणी हैं.


आईएएस बनना चाहती है अनुष्का :अनुष्का सिंह ने एमए लोक प्रशासन में पांच गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. उन्होंने बताया कि वह शुरू से ही तैयारी में जुट गयी थीं और सभी क्लास नियमित रूप से उपस्थित रहती थीं और जो पढ़ाया गया उसका रिवीजन किया, लक्ष्य तय कर पढ़ाई की. वह सविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं. इनके पिता अनूप कुमार सिंह बिजनेस मैन हैं और मां शकुन्तला वर्मा प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका हैं.



कॉरपोरेट सेक्टर में जाना चाहती है मुस्कान :मुस्कान कुमारी ने बीएससी पीसीएम ग्रुप में फीजिक्स और मैथ के लिए पांच गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. उन्होंने बताया कि उनकी पढ़ाई आईटी काॅलेज से हुई है, जो चीजें समझ नहीं आती थीं, उसकी तैयारी के लिए यूट्यूब मद्द लेकर तैयारी करती थीं. वह एमबीए करना चाहती हैं, अभी कैट की परीक्षा दी है. एमबीए पूरा करके कॉरपोरेट सेक्टर में जाना चाहती हैं. इनके पिता प्रेमनाथ सिंह आर्मी में हैं और मां अर्चना देवी गृहिणी हैं.


नाना के नाम का मिला मेडल :अंशिका श्रीवास्तव ने एमए समाजशास्त्र में चार गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. खास बात यह है कि उनके चचेरे नाना के नाम का एससी शरण गोल्ड मेडल भी उन्हें हासिल हुआ. यह मेडल उन्हें सभी सेमेस्टर में प्रथम श्रेणी आने के कारण दिया गया है. नाना के नाम का मेडल पाकर वह उत्साहित हैं. आगे वह सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं. इनके पिता अजय कुमार श्रीवास्तव यूपीएसआरटीसी में नौकरी करते हैं और मां रेनू श्रीवास्तव गृहिणी हैं.



असिस्टेंट प्रोफेसर बनना चाहती हैं रिचा :रिचा सामंत ने चांसलर गोल्ड मेडल हासिल किया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने नेशनल कॉलेज बीए और लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई की है. उन्होंने भविष्य में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना संजोया है. उन्हें शिक्षक बनने की प्रेरणा विश्वविद्यालय के शिक्षकों से ही मिली. वह बताती हैं कि यह उनके लिए गर्व के पल होंगे कि उन्होंने जहां पढ़ाई की है, वहीं पढ़ाने का भी मौका मिले. रिचा के पिता नरेंद्र सामंत स्पोर्ट्स आइटम की दुकान चलाते हैं और मां आनंदी सामंत गृहिणी हैं.



सेना में जाना चाहती हैं भाविनी :भाविनी बहुगुणा को बेस्ट एनसीसी कैडेट के रूप में वाइस चांसलर मेडल दिया गया है. वह बीकॉम आनर्स थ्री ईयर की पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने बताया कि सेना में अधिकारी बन देशसेवा करनी है. इसके लिए देश की और भी बेटियों को प्रेरित करूंगी. मैं सीडीएस की तैयारी कर रही हूं. हाल ही में मुझे विश्वविद्यालय की ओर से एनसीसी कैडेट के तौर पर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत रूस भेजा गया था. इसमें मैं उत्तर प्रदेश से अकेली थी. इसके लिए मुझे राज्यपाल ने सम्मानित भी किया था. इनके पिता गिरीश चंद्र बहुगुणा प्राइवेट नौकरी करते हैं, मां ऋतु नैथानी सरकारी कॉलेज में शिक्षक हैं.


न्यायिक सेवा में जाना चाहते हैं स्वराज :स्वराज शुक्ला ने एलएलबी पंचवर्षीय में जीएन चक्रवर्ती पदक हासिल किया है. उन्होंने बताया कि पीसीएस-जे में चयनित होकर हर व्यक्ति को न्याय मिले, इसके लिए काम करना चाहता हूं. समाज में उत्कृष्ट सेवा के जीएन चक्रवर्ती पदक के लिए चयन होना गौरव के क्षण हैं. मैंने एनएसएस से तमाम स्वयंसेवी संस्थाओं के जरिए लोगों की मदद की है. साथ ही कोरोना की वैक्सीन के लिए लोगों को जागरूक किया. बेरोजगारों को भी रोजगार से जोड़ने का काम किया. इनके पिता विष्णु शुक्ला शिक्षक हैं और मां राजश्री गृहिणी हैं.



पीसीएस बनना चाहती हैं शिवी गौतम :शिवी गौतम ने एमएससी सांख्यिकी में चांसलर सिल्वर मेडल समेत चार गोल्ड मेडल हासिल किये हैं. उन्होंने बताया कि इसी वर्ष मेरा चयन एसएससी सीजीएल के जरिए जनगणना विभाग में हो गया है, लेकिन भविष्य में पीसीएस अधिकारी बनना है. मैं नेशनल कॉलेज से स्नातक और लविवि से परास्नातक में एमएससी की छात्रा रही हूं.' इनके पिता विजय कुमार कृषि विभाग में लिपिक हैं और मां शशिलता गृहिणी हैं.

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Last Updated : Dec 6, 2023, 8:15 PM IST

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