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यूपी के तराई में फैला किसान आंदोलन, महिलाएं भी हुईं शामिल

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Published : Jan 7, 2021, 8:06 PM IST

उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में भी किसानों ने कृषि कानून के विरोध में ट्रैक्टरों पर सवार होकर रैली निकाली. लखीमपुर खीरी जिले में निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं.

farmers tractor rally in lakhimpur kheri
लखीमपुर में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली.

लखीमपुर खीरीः यूपी के तराई इलाके में भी अब किसान आंदोलन की जड़ें गहरी होती चली जा रही हैं.दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में जिले के किसानों ने भी जगह-जगह ट्रैक्टर मार्च निकाले और नए कानून वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से की. ट्रैक्टर मार्च के दौरान किसानों की कई जगह पुलिस अधिकारियों से झड़प भी हुई. किसानों के विरोध प्रदर्शन में बड़ी तादात में महिलाएं भी शामिल हुईं. उधर कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर भाकपा ने भी पैदल मार्च किया.

लखीमपुर में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली.


जिलेभर में पुलिस रही अलर्ट
यूपी के तराई इलाके में सिख बहुल इलाकों में भी अब किसान आंदोलन जोर पकड़ने लगा है. दिल्ली में टिकरी सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला तो लखीमपुर खीरी जिले में भी किसानों ने पलिया, मितौली, निघासन, तिकुनिया, भीरा आदि जगहों पर ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों ने सरकार से तीनों कृषि बिल वापस लेने की मांग की. किसानों के प्रदर्शनों को देखते हुए जिले भर की पुलिस अलर्ट पर रही

पुलिस और किसानों में हुई झड़प
खीरी जिले में प्रशासन को भी बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. जब पुलिस को पता चला तो इंतजामात कड़े कर दिए गए. इसके बावजूद नेपाल बॉर्डर पर तराई इलाके के पलिया तिकोनिया, सम्पूर्णानगर, भीरा में किसान ट्रैक्टरों पर निकले तो सैकड़ों महिलाएं भी रैली में शामिल हो गई. कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने नारे लगाए और कहा कि ये किसानों के लिए डेथ वारंट है. मितौली तहसील में भूलनपुर और आसपास से भी बड़ी तादात में किसान ट्रैक्टर पर सवार हो कर प्रदर्शन में शामिल हुए. किसानों की पुलिस से तकरार भी पर किसानों ने शांति पूर्ण मार्च निकालने की जिद के आगे प्रसाशन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े.

किसानों को मजदूर बना रही मोदी सरकार
किसान ब्लॉक के विरोध में पलिया में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले की केंद्रीय कमेटी सदस्य कृष्णा अधिकारी के नेतृत्व में भी एक मार्च निकाला गया. कृष्णा अधिकारी ने कहा कि कृषि कानून बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी सरकार लाई है. मोदी सरकार आम आदमी की सरकार नहीं, अंबानी अडानी की सरकार बन गई है. कृष्णा अधिकारी ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार पूंजीपतियों के दबाव में किसानों को मजदूर बनाने के लिए यह बिल लाई है. उन्होंने तुरंत एक कानून वापस करने की मांग भी की.

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