लखीमपुर खीरी: सीएम योगी को खुश करने के लिए जिले के अफसरों और नगर पालिका कर्मचारियों की गोवंशो के साथ क्रूरता की तस्वीरें सामने आई हैं. इस मामले को लेकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीएम योगी के दौरे को लेकर गोवंशों को बेरहमी से रस्सियों से घसीटकर लादा गया और जाकर जंगल में दफना दिया गया. इतना ही नहीं एक स्थानीय नेता का दावा है कि बेसुध और जिंदा गोवंशो को भी दफना दिया गया. उन्होंने इस मामले में गोला कोतवाली में तहरीर दी है और जांच कर कार्रवाई की मांग की है. इधर गोवंशो के प्रति नगर निगम की बेरहमी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
दरअसल, 10 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिवंगत भाजपा विधायक अरविंद गिरी के परिवार से मिलने गोला गोकर्णनाथ पहुंचे थे. सीएम को सब चकाचक दिखे और सड़कों पर कचरा, आवारा या मृत गोवंश न दिखें, इसके लिए गोला नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन ने आवारा और मृत गोवंशो को गाड़ियों में लादकर जंगल पहुंचा दिया. लेकिन वायरल तस्वीरों के मुताबिक गोवंशों को बेहद बेरहमी से गाड़ियों में लादा गया. उन्हें रस्सियों में बांधकर घसीटा गया. इतना ही नहीं एक किसान नेता किसान नेता अमनदीप सिंह संधू ने बेसुध और जिंदा गोवंशो को भी दफन किए जाने का दावा किया है. इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर उन्होंने गोला कोतवाली में तहरीर भी दी है. इसके बाद से गोला नगर पालिका और स्थानीय प्रशासन पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं.
दुधवा टाइगर रिजर्व बफर जोन से लगे दक्षिण खीरी वन प्रभाग के गोला रेंज के गोला-कुकरा रोड पर भी दर्जनों गोवंशों को गढ्ढों में दफना दिया गया. इसका भी एक वीडियो वायरल हो रहा है. सवाल यह भी है कि जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली ले जाकर कौन लोग थे, जिन्होंने इन गोवंशों जंगल में दफना दिया. वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत यह बिल्कुल गैर कानूनी है. वहीं टाइगर रिजर्व से सटा इलाका होने के चलते जंगल में बीमार पशुओं को दफनाने से जंगल में रहने वाले बाघों और अन्य जंगली गोवंशो में भी बीमारियां फैल सकती हैं. इस पर हिंदूवादी संगठनों ने कोतवाली पहुंचकर नगर पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल और नगर पालिका ईओ पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है.