कानपुर: शहर के लोग अभी ठीक से बांसमंडी स्थित कपड़ा बाजार अग्निकांड को भूल भी नहीं पाए थे कि सोमवार को एक बार फिर दिल दहला देने वाला अग्निकांड जैसा हादसा हो गया. गनीमत रही कि समय से दमकल के वाहन पहुंच गए और सुरक्षाकर्मियों ने आग में फंसे पांच लोगों की जिंदगी बचा ली. अगर, थोड़ी देर होती तो शायद कानपुर अग्निकांड को लेकर फिर से चर्चा में होता.
बादशाही नाका थाना के पीछे शोरूम में लगी आग को बुझाते दमकलकर्मी.
दरअसल, शहर के बादशाही नाका थाना के ठीक पीछे सागर साड़ी सेंटर के पास से दोपहर करीब दो बजे बहुत तेज अचानक धुआं निकलने लगा. कोई कुछ समझ पाता तब तक आग की ऊंची लपटें दिखने लगीं और चीख-पुकार मच गई. आसपास के लोग भी भागो, भागो, यहां से भागो कहते हुए...घर छोड़कर सड़क पर आ गए. क्षेत्रीय लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी तो फौरन ही लाटूश रोड समेत अन्य सेंटरों से दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू हो गया.
हालांकि, सुरक्षाकर्मियों के तब पसीना निकल गया जब उन्होंने देखा कि तेज तपिश के बीच चार से पांच लोग दूसरे व तीसरे तल पर मौजूद हैं. आनन-फानन ही गैस के भरे सिलिंडर पहले हटाए गए और फिर लोगों को दूसरे घरों की छतों पर पहुंचाकर नीचे उतारा गया. जब लोग सुरक्षित नीचे पहुंचे तब सभी ने राहत की सांस ली. इस पूरे मामले पर उप्र गारमेंट्स मैन्युफेक्चरर्स के संरक्षक गुरजिदंर सिंह ने कहा कि सागर साड़ी सेंटर में आग लगी है. आग से जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कैसे हो सकती है. इसके लिए शोरूम मालिक से मिलकर उनकी हरसंभव मदद कराएंगे.
सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि शार्ट सर्किट से आग लगी है. फिलहाल अब मामले की जांच कराएंगे. उन्होंने बताया, गली इतनी संकरी थी कि सुरक्षाकर्मियों को 150 मीटर की दूरी से पाइप का प्रयोग करना पड़ा. केवल साढ़े तीन फीट चौड़ी सड़क होने से कई मुश्किलें आईं, लेकिन जवानों ने मुस्तैदी से काम कर आग पर काबू पा लिया.
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