कानपुर: जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक अधिवक्ता की गाड़ी चोरी की शिकायत दर्ज न करना कैंट थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह को काफी महंगा पड़ गया. कानपुर पुलिस कमिश्नर आरके स्वर्णकार के आदेश पर कैट थाना प्रभारी के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं अब इस मामले में हाईकोर्ट इलाहाबाद ने पुलिस कमिश्नर व कैंट थाना प्रभारी को तलब किया. सात दिसंबर इस पर कमिश्नर आर.के.स्वर्णकार ने न्यायालय के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष रखा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि गाड़ी चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. साथ ही कैंट थाना प्रभारी के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई . कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी.
बता दें कि बीते 8 अगस्त को रविकांत उत्तम निवासी ग्राम दलपतपुर प्रेमपुर कचहरी से शाम करीब 7.30 बजे घर लौट रहे थे. चांदमारी क्षेत्र में पीएसी मोड के पहले अचानक उनकी गाड़ी खराब हो गई. जिसके बाद उन्होंने कंपनी के टोल नंबर पर कई बार कॉल की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद वह फजलगंज स्थित कंपनी के ऑफिस गए. जहां पर गार्ड ने जानकारी दी कि कर्मचारी कल मिल पाएंगे. इसके बाद जब वह लौटे तो देखा कि वहां से कार चोरी हो गई थी. अगले दिन करीब 1 बजे उनके पास एक टोल टैक्स कटने का मैसज आया, जो फास्टटैग टोल प्लाजा पानीपत का था. इसके बाद उन्होंने घटना की जानकारी चकेरी थाने में दी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
कानपुर न्यायालय में शिकायत दर्ज करने का दिया था, प्रार्थना पत्र
इस मामले में रविकांत उत्तम ने बीते 19 अगस्त को न्यायालय कानपुर नगर में 156(3) के तहत मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया था. घटना स्थल छावनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत पाए जाने पर न्यायालय ने थाना प्रभारी छावनी को बीते 2 सितंबर 2023 को उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर नियम अनुसार विवेचना करने का आदेश जारी किया. लेकिन कैंट थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह ने न्यायालय के आदेश के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया. न्यायालय के आदेश की अवहेलना पर कैंट थाना प्रभारी अजय कुमार सिंह पर मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.