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कन्नौज: 'ई-संजीवनी' ओपीडी के जरिये अब घर बैठे चिकित्सीय परामर्श

कोरोना काल के दौरान व्यवहारिक रूप से अस्पतालों में भीड़ लगना वाजिफ नहीं है. राज्य सरकार ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से क्वॉरंटाइन हुए लोगों को ई-संजीवनी एप के जरिए ओपीडी सेवा देने की पहल की है.

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Published : Jul 24, 2020, 12:49 PM IST

ई संजीवनी से ओपीडी की सुविधाएं शुरू.
ई संजीवनी से ओपीडी की सुविधाएं शुरू.

कन्नौज: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने घर बैठे चिकित्सीय परामर्श प्रदान करने की पहल की है. इसके लिए राज्य सरकार ने टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) ओपीडी सेवा शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं, ताकि अस्पतालों में भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. साथ ही जन समुदाय को सुलभता और सरलता से परामर्श सेवाएं प्राप्त हो सकें.

मरीजों को लम्बी कतार से मिलेगी मुक्ति
महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. मिथिलेश चतुर्वेदी की ओर से सभी सीएमओ को पत्र भेजा गया है. पत्र में लिखा गया है कि टेलीमेडिसिन (ई-संजीवनी) के माध्यम से ओपीडी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. इसके लिए जनपद स्तरीय चिकित्सालय, सामुदायिक केंद्र, शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात ऐसे चिकित्सकों को नामित किया जाएगा, जो समय प्रदान कर सकें.

इन चिकित्सकों के पास कम्प्यूटर की सुविधा भी सुनिश्चित किया जाए. इस तरह कोई भी मरीज व तीमारदार स्मार्टफोन से इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. पत्र में यह भी कहा गया कि जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है, उनके लिए उपकेंद्र स्तरीय हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर व एएनएम से टेबलेट का उपयोग कर ई-संजीवनी की सुविधा प्रदान की जाएगी.

वेब पोर्टल पर जाकर संजीवनी डॉट इन टाइप करना है
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. के स्वरूप ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण जरूरतमंद लोग व मरीज अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने ई-संजीवनी एप्लीकेशन तैयार किया है. इसके एप के जरिए ओपीडी सेवा प्रदान करने का फैसला लिया गया है. एप के माध्यम से मरीज चिकित्सकों से परामर्श ले सकते हैं.

क्या है प्रक्रिया
वेब पोर्टल पर जाकर www.esanjeevaniopd.in टाइप करना है. रजिस्ट्रेशन करने के बाद मरीज को अपनी जानकारी और मोबाइल नंबर एंटर करने होंगे. मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा, जिसे सुरक्षित करना होगा. इसके बाद वेब पोर्टल पर ही संजीवनी वेबसाइट पर मरीज अपने मोबाइल नंबर और पासवर्ड में टोकन नंबर से लॉग इन कर सकते हैं. उसके बाद संबंधित चिकित्सक से परामर्श लेना है.

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