झांसी:भाजपा में टिकट की घोषणा के बाद से ही मेयर से लेकर पार्षद प्रत्याशियों के खिलाफ उतरे बागियों को मनाने का दौर चल रहा था. महापौर के लिए निर्दलीय नामांकन करने वालीं किरण वर्मा प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात होने के बाद मान गईं और नामांकन वापस ले लिया. इसके अलावा वार्ड 47 से भाजपा की पार्षद प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भरने वालीं पूजा कोष्टा को भी भाजपा ने मना लिया. अब वह चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन करेंगी. वहीं, 20 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारी करने वाले भाजपा के बागियों ने पार्टी पदाधिकारियों की बात नहीं मानी. ऐसे में 22 बागियों को रविवार देर शाम पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. इस कार्रवाई से ठीक एक दिन पहले शनिवार को झांसी में मंडलीय बैठक करने आए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा था कि बागियों को पार्टी से बाहर किया जाएगा.
नगर निगम महापौर के साथ पार्षद तक के टिकट को लेकर इस बार सबसे अधिक घमासान भारतीय जनता पार्टी में हुआ था. महापौर सीट पर तो 54 दावेदारों ने आवेदन कर दिया था. वार्डों की अगर हम बात करें तो हर वार्ड से आठ से 10 दावेदार टिकट की कतार में खड़े थे. कोर कमेटी स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा लंबा मंथन किया गया. लेकिन, प्रत्याशियों की घोषणा होते ही बगावत ने सुर उठ गए. महापौर के लिए जैसे ही बिहारीलाल आर्य के नाम की घोषणा हुई, वैसे ही महापौर पद के लिए पूर्व महापौर किरण वर्मा, राजीव कुमार ने निर्दलीय नामांकन कर बगावत कर दी थी. लेकिन, पार्टी ने तत्काल दोनों नेताओं को मना लिया और वह पार्टी के साथ खड़े हो गए. लेकिन, वार्ड पद के कई प्रत्याशी नहीं माने और पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनावी रण में कूद गए.
टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनावी रण में आने वाले पार्षद प्रत्याशियों को पार्टी भले ही बागी मानकर निष्कासन की कार्रवाई कर रही है. लेकिन, प्रत्याशियों को अभी घर वापसी का पूरा भरोसा है. शनिवार को झांसी आए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी भविष्य की संभावनाओं को लेकर खुलकर जवाब नहीं दिया था. पिछले चुनावों में भी कई दावेदार भाजपा से बगावत कर मैदान में आ गए थे और जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. इसलिए बागियों को भी अभी पूरा विश्वास है. इसलिए अपने लिए वोट मांग रहे हैं और मेयर प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी का ही प्रचार कर रहे हैं. इससे भाजपा को दोहरा लाभ हुआ है.