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22 बागी भाजपा से निष्कासित, बागियों को अब भी घर वापसी का भरोसा

झांसी में भाजपा से बगावत करने वाले बागियों को पार्टी ने निकाल दिया है. पार्टी ने ऐसे 22 बागियों को रविवार को निष्कासित कर दिया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी कहा था कि बागियों को पार्टी से बाहर किया जाएगा.

झांसी
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Published : May 1, 2023, 12:43 PM IST

झांसी:भाजपा में टिकट की घोषणा के बाद से ही मेयर से लेकर पार्षद प्रत्याशियों के खिलाफ उतरे बागियों को मनाने का दौर चल रहा था. महापौर के लिए निर्दलीय नामांकन करने वालीं किरण वर्मा प्रदेश नेतृत्व से मुलाकात होने के बाद मान गईं और नामांकन वापस ले लिया. इसके अलावा वार्ड 47 से भाजपा की पार्षद प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भरने वालीं पूजा कोष्टा को भी भाजपा ने मना लिया. अब वह चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन करेंगी. वहीं, 20 वार्डों में निर्दलीय उम्मीदवारी करने वाले भाजपा के बागियों ने पार्टी पदाधिकारियों की बात नहीं मानी. ऐसे में 22 बागियों को रविवार देर शाम पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. इस कार्रवाई से ठीक एक दिन पहले शनिवार को झांसी में मंडलीय बैठक करने आए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा था कि बागियों को पार्टी से बाहर किया जाएगा.

नगर निगम महापौर के साथ पार्षद तक के टिकट को लेकर इस बार सबसे अधिक घमासान भारतीय जनता पार्टी में हुआ था. महापौर सीट पर तो 54 दावेदारों ने आवेदन कर दिया था. वार्डों की अगर हम बात करें तो हर वार्ड से आठ से 10 दावेदार टिकट की कतार में खड़े थे. कोर कमेटी स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा लंबा मंथन किया गया. लेकिन, प्रत्याशियों की घोषणा होते ही बगावत ने सुर उठ गए. महापौर के लिए जैसे ही बिहारीलाल आर्य के नाम की घोषणा हुई, वैसे ही महापौर पद के लिए पूर्व महापौर किरण वर्मा, राजीव कुमार ने निर्दलीय नामांकन कर बगावत कर दी थी. लेकिन, पार्टी ने तत्काल दोनों नेताओं को मना लिया और वह पार्टी के साथ खड़े हो गए. लेकिन, वार्ड पद के कई प्रत्याशी नहीं माने और पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनावी रण में कूद गए.

टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय चुनावी रण में आने वाले पार्षद प्रत्याशियों को पार्टी भले ही बागी मानकर निष्कासन की कार्रवाई कर रही है. लेकिन, प्रत्याशियों को अभी घर वापसी का पूरा भरोसा है. शनिवार को झांसी आए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने भी भविष्य की संभावनाओं को लेकर खुलकर जवाब नहीं दिया था. पिछले चुनावों में भी कई दावेदार भाजपा से बगावत कर मैदान में आ गए थे और जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. इसलिए बागियों को भी अभी पूरा विश्वास है. इसलिए अपने लिए वोट मांग रहे हैं और मेयर प्रत्याशी के रूप में भाजपा प्रत्याशी का ही प्रचार कर रहे हैं. इससे भाजपा को दोहरा लाभ हुआ है.

पार्टी के 60 पार्षद दावेदार तो महापौर प्रत्याशी का प्रचार कर ही रहे हैं. वहीं, बागी भी इनके ही लिए वोट मांग रहे हैं. शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आगमन पर चुनावी तैयारियों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान बागियों के बारे में भी जानकारी दी गई. इसके बाद अध्यक्ष ने बागियों को पार्टी से बाहर करने के निर्देश दिए. इस दौरान रविवार देर शाम महानगर अध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने 22 कार्यकर्ताओं को निष्कासित कर दिया, जो की बागी होकर चुनाव लड़ रहे थे.

इनको किया गया पार्टी से बाहर

वार्ड 15 से कन्हैयालाल शाक्या, वार्ड 29 से हरिबाबू रायकवार, वार्ड 46 से संजय चड्ढा, वार्ड 40 से रामजी रामायणी, वार्ड 43 से अभिषेक सिंह, वार्ड 53 से लखन कुशवाहा, वार्ड 44 से राजेश त्रिपाठी, वार्ड 20 से सीमा वर्मा व प्रवीण कोरी, वार्ड 19 से घनश्याम वर्मा व मनीष खटीक, वार्ड 48 से राहुल कोष्टा, वार्ड 38 मंजू रंजीत सिंह, वार्ड 58 से कुलदीप सिंघल, वार्ड दो से सुनील कुशवाहा, वार्ड चार से पुष्पेंद्र वर्मा, वार्ड 18 से विक्की वाल्मीकि, वार्ड 27 से कृष्णा राय, वार्ड आठ से मानसिंह कुशवाहा, वार्ड 56 से अनिल सोनी, वार्ड 28 से सतीश कोटिया और वार्ड 16 से आरसी शुक्ला को भाजपा से निष्कासित किया गया है. इसमें राजेश त्रिपाठी और अनिल सोनी निवर्तमान पार्षद होने के साथ-साथ उप सभापति रह चुके हैं. लखन कुशवाहा भी निवर्तमान पार्षद हैं.

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