जौनपुर: सिराज-ए-हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की धरती का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. तर्की के शासकों द्वारा बसाए जौनपुर ने आजादी के दौरान विभिन्न आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश को आजाद कराने तक यहां सैकड़ों लोगों ने अपने जान की बाजी लगाई. इतना ही नहीं महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू तक का भी यहां की धरती से खास लगाव रहा है.
पंडित नेहरू पहली बार 1922 में स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह के घर पर रुके थे. इसके बाद वह 1937 में दोबारा यहां आए और उन्हीं के यहां रहकर आजादी के आंदोलन को गति दी. आज भी रामेश्वर सिंह के घर पर लगे पत्थर में उनके और उनके पिता मोतीलाल नेहरू के घर में ठहरने की तारीख दर्ज है. रामेश्वर सिंह के घर पर महात्मा गांधी से लेकर मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू जैसी महान विभूतियां रुक चुकी हैं.