जौनपुर: जिले में महिला चिकित्सालय में अस्थाई तौर पर अप्रैल 2019 में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गई, जिसका उद्घाटन वर्तमान जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी ने किया. इसमें महिला सशक्तिकरण, सखी आशा ज्योति किरण, 181 हेल्पलाइन एवं वन स्टॉप सेंटर के तहत कार्य करने की पहल की गई. वन स्टॉप सेंटर के तहत काउंसलर, चिकित्सक और वन स्टॉप सेंटर से मिलने वाली सुविधाएं देने की बात कही गई थी. वहीं साल भर होने के बाद भी यहां अब तक नियुक्ति प्रोसेसिंग चल रहा है. यह वन स्टॉप सेंटर 181 के सुगमकर्ताओं के सहारे चलाए जा रहा है.
जनपद में किसी प्रकार की हिंसा की शिकार महिलाओं को सुविधा, चिकित्सा और काउंसलिंग करने के लिए सरकार ने वन स्टॉप सेंटर शुरू करने की योजना चलाई थी. इसके तहत जनपद के सदर महिला चिकित्सालय में अस्थाई तौर पर वन स्टॉप खोला गया था. उद्घाटन के समय व्यवस्थाएं अच्छी करने की बात कही गई थी, मगर साल भर बीतते ही वन स्टॉप सेंटर को हॉस्पिटल से ग्राउंड फ्लोर से चौथे फ्लोर पर भेज दिया गया. इससे आने-जाने वाली पीड़ित महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वन स्टॉप सेंटर के लिए तीन ही रूम अलॉट किए गए हैं, जिसमें एक स्टाफ रूम, दूसरा पुलिस चौकी और तीसरा पीड़ित महिलाओं के लिए रखा गया. पीड़ित महिलाओं के लिए एक रूम होने के कारण समस्याएं ज्यादा होती है. सेंटर में विक्षिप्त महिलाओं और नॉर्मल महिलाओं को एक ही रूम में रखा जाता है, जिससे अन्य महिलाओं को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
सखी आशा ज्योति किरण हेल्पलाइन 181 की सुगमकर्ता रत्ना गुप्ता ने बताया कि 23 जनवरी 2019 से जनपद के महिला जिला चिकित्सालय में वन स्टॉप सेंटर की शुरुआत की गई. यहां किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित महिलाओं को लाया जाता है. सेंटर में अधिकतर केस सेल्टर होम पुलिस की ओर से लाया जाता है. अज्ञात महिलाओं की काउंसलिंग कर उनके घर पहुंचाने का कार्य किया जाता है.