जौनपुर: पुलवामा की आतंकी घटना के खिलाफ देश में आक्रोष है. वहीं भारतीय जेलों में बंद आतंकियों को कठोर सजा देने की मांग भी तेज होने लगी है. जौनपुर के जिला जेल में दो बांग्लादेशी आतंकी बंद हैं. यह दोनों आतंकवादी 2005 में हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस बम कांड में आरोपी हैं. बीते 14 साल से इन आतंकवादियों का मामला जौनपुर के सेशन कोर्ट में चल रहा है.
जौनपुर के जिला जेल में श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए बम कांड में शामिल दो आतंकवादी बंद हैं. आज दोनों आतंकवादियों की जौनपुर के जिला सेशन कोर्ट में पेशी थी. इस पेशी में आज फिर से अगली तारीख दे दी गई. बीते 14 सालों से ये आतंकी यहां की जेल में बंद हैं. जेल में बंद आतंकवादियों को कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है.
श्रमजीवी एक्सप्रेस में हुए बम कांड में शामिल दो आतंकवादी बंद हैं आज जौनपुर के दीवानी कोर्ट के बाहर बांग्लादेशी आतंकी की पेशी के दौरान दीवानी के वकीलों ने आतंकवाद मुर्दाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए. इन आतंकवादियों को जल्दी फांसी दिए जाने की मांग भी की. जौनपुर के सेशन कोर्ट के सरकारी वकील विजय शंकर यादव ने बताया कि श्रमजीवी एक्सप्रेस बम कांड के दो आतंकवादियों को फांसी की सजा दी जा चुकी है, जबकि अभी 2 लोगों की सुनवाई जारी है.
इन मामलों में हो रही देरी पर अधिवक्ताओं ने कहा कि एक साल के अंदर उनका त्वरित निस्तारण किया जाना चाहिए. इन आतंकवादियों की सरकारी मेहमान नवाजी बंद होनी चाहिए. बता दें कि इस मामले में पहले तो आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है और बचे दो आतंकवादी कि 14 साल से जेल में बंद हैं.