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जौनपुरः निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

यूपी के जौनपुर जिले में बिजली विभाग के हो रहे निजीकरण के खिलाफ विद्युत कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार विरोधी नारे लगाकर अपनी आवाज बुलंद की. कर्मचारियोें का कहना है कि निजीकरण से उनके हित प्रभावित होंगे और बिजली विभाग पर निजी हाथों का नियंत्रण होगा.

विद्युत निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते कर्मचारी
विद्युत निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते कर्मचारी

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Published : Sep 7, 2020, 1:10 PM IST

जौनपुरः बिजली विभाग के हो रहे निजीकरण के खिलाफ इन दिनों कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. जिले में बिजली विभाग के सैकड़ों कर्मचारियों ने निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदेश सरकार की तरफ से बिजली विभाग के निजी करण की तैयारी शुरू हो चुकी है.

जनपद के बिजली विभाग के मुख्य कार्यालय के सैकड़ों कर्मचारियों ने आज विरोध प्रदर्शन किया और सरकार के इस कार्य को मनमानी बताया. कर्मचारियों का कहना है कि पहले जब उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड की स्थापना हुई थी. तब बिजली विभाग केवल 70 करोड़ के घाटे में था. जो सरकार की गलत नीतियों के कारण आज 95 हजार करोड़ के घाटे में पहुंच गया है.

कर्मचारियों ने आगे कहा कि यह केवल सरकार के गलत कामों के चलते हुआ है. वहीं अब सरकार को इस घाटे को कम करने के लिए उपाय के बारे में सोचना चाहिए. जबकि सरकार अब निजी हाथों में विभाग को कौड़ियों के भाव में बेचने का फैसला किया है. जो गलत है, इससे जनता का भी नुकसान होगा. इसलिए बिजली विभाग के सभी कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे.

बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निखिलेश सिंह ने बताया सरकार कि गलत नीतियों के कारण विभाग घाटे में पहुंचा है. क्योंकि 2001 में जब इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड बना था तो उस समय विभाग पर केवल 70 करोड़ का घाटा था, लेकिन आज यह घाटा बढ़कर 95 हजार करोड़ का हो गया है. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. वहीं जब मौका है इसे सुधारने का तो विभाग को निजी हाथों में बेचने की तैयारी हो रही है. जिसका सभी कर्मचारी विरोध कर रहेें हैं.

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