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जालौन: शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में 3 संविदा कर्मी पाए गए दोषी

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Published : Jul 9, 2020, 7:55 PM IST

जालौन में फर्जी शस्त्र लाइसेंस का मामला सामने आया है. शक होने पर जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी की कमेटी बनाकर इस फर्जीवाड़े में संलिप्त लोगों की जांच करायी थी. जिसके बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

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अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह

जालौन:जनपद में जिलाधिकारी कार्यालय से शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जिसमें फर्जी तरीके से जिलाधिकारी की सहमति दिखाकर लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन कर दिया गया, लेकिन जिलाधिकारी को आवेदन पर शक हुआ तो तुरंत अपर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी की कमेटी बनाकर, इस फर्जीवाड़े में संलिप्त लोगों की जांच की गई. जिसके बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.

जिला कलेक्ट्रेट में शस्त्र लाइसेंस में फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब जिलाधिकारी ने जिन आवेदनों पर शस्त्र लाइसेंस बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान नहीं की और वही आवेदन उनके हस्ताक्षर सहित मंजूर कर फाइल कंप्लीट कर टेबल पर पहुंचा दिए गए. जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर की नजर इन आवेदनों पर पड़ी तो हैरान हो गए क्योंकि हूबहू उनके हस्ताक्षर की नकल करने का प्रयास किया गया. जिसको जिलाधिकारी ने तत्काल पकड़ लिया.

इस पर जिलाधिकारी ने टीम गठित करते हुए मामले की जांच अपर जिलाधिकारी को सौंपकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है. अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह ने बताया छात्रों के आवेदन में फर्जीवाड़े को लेकर जांच चल रही है. जिसमें 3 संविदा कर्मचारी संलिप्त पाए गए हैं. इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी.

2008 में भी उठा था फर्जी लाइसेंस का मामला
अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह ने बताया कि सन 2008 में तत्कालीन जिलाधिकारी रिग्जियान सैम्फिल के समय लोगों ने शस्त्र लाइसेंस की फर्जी किताब बनाकर शस्त्र धारकों को दे दी थी. अगर उस समय जिलाधिकारी की मोहर लग जाती तो यह फर्जीवाड़ा का काम हमेशा के लिए शुरू हो जाता लेकिन तत्कालीन जिलाधिकारी ने सभी आरोपियों को पकड़ कर जेल में डाल दिया था और इसकी जांच तत्कालीन अपर जिलाधिकारी ने की थी.

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