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हरदोई : अब हाईटेक होंगी 102 और 108 एंबुलेंस, मरीजों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

जिले में 102 और 108 एंबुलेंस अब हाईटेक होंगी. हर एंबुलेंस में एंबुलेंस ईएमटी को एक एंड्रॉयड मोबाइल दिया जाएगा, जिस पर तुरंत एंबुलेंस की लोकेशन देखी जा सकेगी. किसी मरीज को जरूरत पड़ने पर कॉल सीधा ईएमटी के पास जाएगी और जो भी गाड़ी मरीज से कम दूरी पर होगी, वह एंबुलेंस चालक जल्द से जल्द मरीज के पास पहुंच कर उसे अस्पताल पहुंचाएगी.

जानकारी देते एंबुलेंस के ट्रेनर रण सिंह.

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Published : May 5, 2019, 8:27 PM IST

हरदोई : स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर से बेहतर बनाने और लोगों को राहत दिलाने के लिए स्वास्थ्य महकमा लगातार प्रयास में जुटा है. जिले में अब शासन के निर्देश के बाद 102 और 108 एंबुलेंस हाईटेक होंगी.

जानकारी देते एंबुलेंस के ट्रेनर रण सिंह.

जानें, क्या खासियत होंगी एंबुलेंस की

  • अब एंबुलेंस में बायोमेट्रिक मशीन लगेगी, जिससे एंबुलेंस कर्मचारियों की अटेंडेंस लगेगी.
  • हर एंबुलेंस में एंबुलेंस ईएमटी को एक एंड्रॉयड मोबाइल दिया जाएगा, जिस पर तुरंत एंबुलेंस की लोकेशन देखी जा सकेगी.
  • किसी मरीज को जरूरत पड़ने पर कॉल सीधा ईएमटी के पास जाएगी और जो भी गाड़ी जरूरतमंद मरीज से कम दूरी पर होगी वह एंबुलेंस चालक जल्द से जल्द मरीज के पास पहुंच कर उसे अस्पताल पहुंचाएगी.
  • इससे मरीज को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी.

शासन के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय

उत्तर प्रदेश में मरीजों और गर्भवती महिलाओं को तत्काल राहत पहुंचाने वाली 102 और 108 एंबुलेंस को हाईटेक बनाने के लिए शासन से आए निर्देश के बाद अब स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है, जिसके तहत जिला महिला अस्पताल में हरदोई जिले के साथ-साथ शाहजहांपुर और लखीमपुर के 102 और 108 एंबुलेंस के ईएमटी को बारीकी से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. एंबुलेंस के ईएमटी को ट्रेनर बता रहे हैं कि उन्हें किस तरह से मरीजों को जल्द से जल्द मौके पर पहुंचकर राहत देनी है. शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को हाईटेक बनाने के लिए एंबुलेंस ईएमटी को प्रशिक्षण देने के साथ ही एंबुलेंस में एक बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाएगी, जिसके जरिए एंबुलेंस पर मौजूद कर्मचारियों की उपस्थिति लगेगी.

ईएमटी को दिया जाएगा एक एंड्रायड मोबाइल

एंबुलेंस में तैनात ईएमटी को एक एंड्राइड मोबाइल दिया जाएगा, जिससे दुर्घटना के समय जीपीएस के जरिए यह पता चल जाएगा कि कौन सी एंबुलेंस घटनास्थल या फिर जरूरतमंद मरीज के कितना करीब है. जीपीएस के आधार पर सबसे नजदीक एंबुलेंस के ईएमटी के पास कॉल करके उसे वहां भेजा जाएगा. गूगल मैप के जरिए एंबुलेंस घटनास्थल और मरीज के पास पहुंच जाएगी और जल्द ही घायल मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर अस्पताल तक पहुंचाएगी.

मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधाएं

स्वास्थ्य महकमे की इस पहल से पूर्व के समय में लगने वाला समय बचेगा और कम समय में एंबुलेंस मौके पर पहुंचकर मरीज को पहले प्राथमिक उपचार देगी और फिर उसे लेकर सीधा अस्पताल पहुंचेगी. ऐसे में समय के अभाव में मरीजों की होने वाली मौत को लेकर भी विराम लगेगा और लोगों को कम से कम समय में बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकेंगी.

एंबुलेंस की पूरी निगरानी हमारे पोर्टल पर रहेगी और हर एंबुलेंस की लोकेशन जीपीएस के आधार पर देखी जा सकेगी. साथ ही अब एंबुलेंस को भी लोगों से रास्ता नहीं पूछनी पड़ेगी. गूगल मैप के सहारे कम समय में एंबुलेंस मौके पर पहुंचकर मरीजों की जान बचाएगी और उन्हें प्राथमिक उपचार देकर जिला अस्पताल में भर्ती कराएगी.
-रण सिंह, ट्रेनर, एंबुलेंस

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