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3D सिस्टम से लैस होगी गोरखपुर नक्षत्रशाला, इसरो और नासा से होगा संपर्क

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Published : Apr 19, 2023, 9:49 AM IST

गोरखपुर के नक्षत्रशाला को अब पूरी तरह से 3D तकनीक में विकसित करने की पहल की गई है. शासन ने इसके लिए 35 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दिया है. बता दें कि बीते साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नक्षत्रशाला में सूर्यग्रहण देखने पहुंचे थे. तभी से इसके कायाकल्प को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई थी.

3D system in Gorakhpur Planetarium
3D system in Gorakhpur Planetarium

गोरखपुरः 15 वर्षों से ज्यादा समय से गोरखपुर में स्थापित नक्षत्रशाला को आधुनिक तकनीक से विकसित करने के लिए बड़ी पहल की है. मौजूदा दौर के साइंस एंड टेक्नोलॉजी से नक्षत्रशाला को लैस करने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने 35 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके टेंडर की प्रक्रिया 2 महीने में पूरी हो जाएगी. इसके बाद इसके निर्माण का कार्य प्रारंभ होगा. नक्षत्रशाला को पूरी तरह से थ्रीडी बनाने और इसके आधार पर यहां से जुड़े वैज्ञानिक और शोधार्थी खुद को नासा और इसरो भी जोड़ सकेंगे.

निदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद अनिल यादव ने बताया कि गोरखपुर नक्षत्रशाला को 3D स्वरूप देने के लिए धनराशि स्वीकृत हो चुकी है. कंपनी निर्धारित होते ही जल्द से जल्द नक्षत्रशाला को अपग्रेड करने का कार्य शुरू होगा. नक्षत्रशाला के 3D हो जाने के बाद दर्शकों को तारों और ग्रहों के बीच होने का एहसास होगा, जो फिल्म का हिस्सा होंगे. इसे विशेष चश्मे से देखा जा सकेगा. इसका इंतजाम नक्षत्रशाला प्रशासन कराएगा.

बता दें कि पिछले साल सूर्य ग्रहण के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अचानक नक्षत्रशाला पर सूर्य ग्रहण देखने के लिए पहुंच गए थे. इसके बाद उन्होंने नक्षत्रशाला का जायजा लिया था. सीएम ने यहां की व्यवस्था और तकनीकी कमियों को दूर करने का भी आश्वासन दिया था. इसके बाद नवंबर 2022 में इसे अपग्रेड करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था. इस पर अब मुहर लग चुकी है. गौरतलब है कि ऐसी थ्रीडी तकनीकी केवल अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस में ही मौजूद है. ऐसे में इन्हीं तीनों देशों की किसी कंपनी को टेंडर मिलने की उम्मीद है. खास बात यह है कि इस कार्य के लिए धन की स्वीकृति हो चुकी है. इसलिए इस प्रोजेक्ट को पूरा होने मैं अब कोई दुविधा नहीं है.

नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय कहते हैं कि इस कायाकल्प से निश्चित रूप से विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में शोधार्थी और विद्यार्थियों को बड़ा लाभ मिलेगा. जिस दिन से इसका कार्य शुरू होगा, इस परिसर में एक नई ऊर्जा का संचार होगा. मौजूदा समय में गोलाकार स्वरूप में नक्षत्रशाला दिखाई देता है. जिसे अब 3डी फिल्म के संचालन के अनुरूप बनाया जाएगा. 21 दिसंबर 2009 से इसका नियमित संचालन हो रहा है. इसके बाद तकनीक में कई तरह के बदलाव आए.

मशीनों और प्रोजेक्टर के जरिए यहां आने वाले विज्ञान के विद्यार्थियों और दर्शकों को खगोलीय घटना से अवगत कराया जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह ने इस सपने को जहां गोरखपुर के धरातल पर उतारा था. वहीं अब मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास से इसको आधुनिक स्वरूप मिलेगा. इससे जाहिर है कि नक्षत्रशाला में दर्शकों की संख्या भी बढ़ेगी और विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले नित नए अविष्कारों से भी लोग जुड़ सकेंगे.

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