गाजीपुरः कोरोना महामारी के दौरान भी गरीबों का राशन हड़पने का कोई मौका कोटेदार नहीं छोड़ रहे हैं. कई कोटेदारों को गरीबों के निवाले पर डांका डालना महंगा पड़ गया है. कोटेदार के खिलाफ शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. जिलाधिकारी के निर्देश पर रात भर कोटेदारों के यहां छापेमारी की गयी.
जिला पूर्ति विभाग की टीम ने मरदह ब्लॉक के गोबिंदपुर (कीरत) गांव में कोटेदार अजित चतुर्वेदी की दुकान पर छापा मारा. छापेमारी के दौरान कोटेदार के यहां भारी अनियमितता मिली. दुकान में लगभग 12 कुंतल चावल स्टॉक से अधिक और साढ़े चार कुंतल गेंहू स्टॉक से कम पाया गया. कोटेदार द्वारा छापेमारी करने पहुंची टीम से दुर्व्यवहार भी किया गया. टीम ने कोटे की दुकान निलंबन कि संस्तुति कर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी. कोटेदार ने बचा हुआ राशन बरेंदा गांव के कोटेदार को दे दिया था.
गाजीपुर में कोटे की दुकानों पर छापा, 8 कोटेदारों के खिलाफ FIR दर्ज
गाजीपुर में लॉकडाउन के दौरान जिलाधिकारी के निर्देश पर रात में कोटे की दुकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. इस दौरान 8 कोटेदारों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.
जिलाधिकारी के निर्देश पर की गई छापेमारी से गाजीपुर के कोटेदारों में हड़कम्प मचा हुआ है. खाद्यान्न निरीक्षक गोविंद सिंह ने बताया कि छापेमारी में स्टॉक में अनियमितता पाई गई, जिसके बाद दुकान का लाइसेंस निलंबित कर कोटेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
मरदह बाजार के कोटेदार कलावती देवी एवं उनके पुत्र अनिल सिंह के ऊपर राशन वितरण में अनियमितता को लेकर पूर्ति विभाग ने कोटेदार का लाइसेंस निलंबित करते हुए उनके ऊपर एफआईआर दर्ज करायी है. इसके अलावा ग्रामसभा सकरा, पियरी उर्फ बासुपुर, रायपुर (सादात), सौरी, बोगना, रुहीपुर मे भी अनियमितता को लेकर कोटेदारों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है.