फिरोजाबाद: जिला जेल में बंद महिला कैदी सलाखों के पीछे भी आत्मनिर्भर बन रही हैं. जेल और स्टेट बैंक के सहयोग से महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. जेल से रिहा होने के बाद ये महिला कैदी बैंक से लोन लेकर अपना कारोबार भी शुरू कर सकेंगी. यह महिलाएं अन्य महिलाओं को रोजगार देने में भी सक्षम हो गई हैं.
30 महिला कैदियों ने ली ट्रेनिंग
जेल में 15-15 महिलाओं के दो स्वयं सहायता समूह बनाकर उनको आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की गई. ये मंशा तो जेल प्रशासन की थी लेकिन स्टेट बैंक ने जेल प्रशासन की मंशा को और अधिक धारदार बना दिया. बैंक की मदद से इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी गयी. अब यह महिलाएं सिलाई, कढ़ाई में दक्ष हो चुकी हैं.